कोयला तस्कर कोयला चोरी के लिए एक साथ 50 से ज्यादा मजदूर और 4 से ज्यादा डंपर लेकर पहुंचते हैं। कोयला चोरी का खेल झलवारा व कटंगीकला रेलवे स्टेशन से एनकेजे के बीच खंभा नंबर 1028/20 के पास चलता है। यहां रात 12 बजे से 3 बजे जितनी भी मालगाड़ी खड़ी होती है, उससे कोयला चोरी होती है। चोरी के बाद रेलवे ट्रैक के किनारे दिन में किसी को सबूत नहीं मिले इसके लिए पॉलीथीन बिछाकर रेलवे रैक से कोयला गिराया जाता है। बिलासपुर की ओर से आने वाली मालगाड़ी से बड़े पैमाने पर हो रही कोयला चोरी की जानकारी गार्ड द्वारा कंट्रोलर को दी गई, तो कंट्रोलर बोले की लिखित में कोई शिकायत हो तो कार्रवाई की जाए।
बताया गया कि मालगाड़ी से चोरी की गई कोयला शहर सहित सतना, इलाहाबाद व अन्य स्थानों पर सप्लाई किया जा रहा है। रेलवे रैक से ट्रक लगाकर हो रही कोयला चोरी में कार्रवाई नहीं होने से आरपीएफ से लेकर स्थानीय पुलिस की भूमिका भी सवालों में है। एनकेजे रेलवे का बड़ा यार्ड है। यहां प्रतिदिन तीस से ज्यादा मालगाड़ी कोयला लेकर पहुंचतीं हैं। सूत्रों का कहना है कि कोयला चोरी का खेल सांठगांठ से चल रहा है। इस मामले में आरपीएफ व पुलिस द्वारा प्रकरण भी दर्ज नहीं किया जाता। नागरिकों ने बताया कि डिपार्चर यार्ड पर रात में मालगाड़ी के खड़ी होते ही तस्करों के लिए काम करने वाले मजदूर सक्रिय हो जाते हैं। कोयला मालगाड़ी के उपर से गिराया जाता है। कई बार गेट खोलकर बड़े पैमाने पर कोयला गिराकर उसे ट्रक में भरा जाता है।
एनकेजे के एरिया मैनेजर एनके राजपूत के अनुसार मालगाड़ी से कोयला चोरी की के दौरान मजूदर उपर चढ़ते हैं। ऐसे में ओएचई केबल छू जाने पर जान तक जा सकती है। हम सुरक्षा को लेकर संबंधित विभाग को कहेंगे कि इस मामले में ठोस कार्रवाई की जाए। यार्ड में प्रवेश से पहले मालगाड़ी से कोयला चोरी हो रही है तो इस मामले में ठोस कार्रवाई की जाएगी। हम आरपीएफ को कहते हैं कि वे चिन्हित स्थानों पर कड़ी चौकसी की व्यवस्था करें।