अन्य विभागों में भी अनुशासनहीनता
यह समस्या सिर्फ पुलिस विभाग तक सीमित नहीं है। शिक्षा विभाग में कई बार यह देखा गया है कि शिक्षक शराब के नशे में विद्यालय में आ जाते हैं, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई पर असर पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग के भी कई कर्मचारी और अधिकारी ड्यूटी के दौरान शराब पीकर अपने कार्यक्षेत्र में उपस्थित होते हैं। कलेक्ट्रेट जैसे सरकारी संस्थानों में भी कुछ कर्मचारी ड्यूटी के दौरान शराब के नशे में पाए जा चुके हैं। यह लापरवाही कई अन्य विभागों में जारी है। प्रशासन की कार्यक्षमता और जनता के भरोसे पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।
किसी भी सरकारी कर्मचारी के लिए ड्यूटी पर शराब का सेवन करना न केवल अनुशासनहीनता है, बल्कि इससे उनके कार्य की गुणवत्ता और सुरक्षा में भी भारी कमी आती है। पुलिसकर्मियों, शिक्षकों, और स्वास्थ्य कर्मियों जैसे महत्वपूर्ण विभागों में अनुशासन और नशामुक्ति का पालन करना बेहद आवश्यक है, ताकि नागरिकों की सुरक्षा और प्रशासनिक कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके। पुलिस विभाग में अगर जवान शराब के नशे में रहेंगे तो उनकी कार्यक्षमता और जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारी पर भी प्रश्नचिन्ह लगता है। इसी प्रकार, स्वास्थ्य कर्मियों और शिक्षकों का नशे में रहना जनता की सेवा और बच्चों की शिक्षा पर भी नकारात्मक असर डालता है।
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रेलवे की तर्ज पर चेकिंग की आवश्यकता
ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को रेलवे की तर्ज पर कदम उठाने की आवश्यकता है, जहां पायलट, लोको पायलट, गार्ड आदि कर्मचारियों के ड्यूटी पर आते ही ड्यूटी पंच करते समय ब्रीथ एनालाइजर से उनका नशा जांचा जाता है। इससे न केवल ड्यूटी पर शराब पीकर आने वाले कर्मचारियों की पहचान होती है, बल्कि उन्हें अनुशासन में रहने के लिए एक सख्त संदेश भी मिलता है। सरकारी विभागों में इस प्रकार की चेकिंग से कर्मचारियों के व्यवहार और कार्यक्षमता में सुधार आ सकता है, जिससे विभागीय अनुशासन और सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए न केवल पुलिस बल्कि अन्य विभागों में भी नियमित चेकिंग और सख्त कार्रवाई जरूरी है, जिससे सभी विभाग अपने कार्य को अनुशासन के साथ करें और जनता की सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
केस 01
बड़वारा माध्यमिक शाला में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जयप्रकाश मिश्रा ने शराब के नशे में बच्चों के साथ बेदम पिटाई कर दी थी। इसका भयंकर वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ, जिसके बाद चपरासी को निलंबित कर दिया गया था।
मई माह में एनकेजे थाने में पदस्थ तीन आरक्षक शराब के नशे में धुत्त मिले थे। एसपी द्वारा कराई गई जांच में यह तथ्य सामने आए थे, जिसके बाद तीनों आरक्षकों को लाइन अटैच कर दिया गया था। यह भी मामला सुरक्षा में बड़ी चूक का था।
18 अगस्त 2023 को बड़वारा विकासखंड के बरगवां स्कूल में शिक्षक का वीडियो वायरल हुआ था। शिक्षक रणवीर सिंह नशे में चूर थे। इसका ग्रामीणों ने वीडियो बनाकर वायरल किया था। इस मामले में शिक्षक पर जिला शिक्षा अधिकारी ने कार्रवाई की थी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में पदस्थ एक डॉक्टर का वीडियो वायरल हुआ था। इसमें डॉक्टर कार्यालय परिसर के अंदर में कार में शराब पीते पाए गए थे। यह उनकी आदत में शुमार था। कई बार शराब के नशे में चूर होकर कार्यालय में भी पड़े रहते थे।
शासकीय प्राथमिक शाला बंदरी में शिक्षक हेतरात साकेश एक साल पहले शराब के नशे में पाया गया था। शिक्षक पर छात्राओं से छेड़छाड़ करने का भी गंभीर आरोप लगे थे। इस मामले में पुलिस ने शिक्षक के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी।
शासकीय कार्यालयों में कोई भी अधिकारी-कर्मचारी शराब के नशे की हालत में पाया जाता है तो तत्काल कार्रवाई की जाती है। यदि कोई ड्यूटी के दौरान नशे की हालत में पाया जाता है तो जांच कराते हुए वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। औचक जांच भी शुरू कराई जाएगी। जहां पर अधिक संख्या में अधिकारी-कर्मचारियों की तैनाती है वहां पर मशीन लगाकर जांच की व्यवस्था कराने विचार किया जाएगा।
दिलीप कुमार यादव, कलेक्टर।