आपको बता दें कि, आरोपी चिकित्सक ने जिला अस्पताल पहुंचने से पहले अपनी निजी क्लीनिक पर दिव्यांग युवक को बुलवाया और प्रमाण पत्र बनाने के एवज में 15 हजार रुपए बतौर रिश्वत के लिए। इसी बीच पहले से घेराबंदी करके खड़ी जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी को घूस लेते हुए रंगे हाथ दबोच लिया। आरोपी डॉक्टर के पास से रुपए जब्त करते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है। बता दें कि, लोकायुक्त टीम आरोपी डॉक्टर को विद्युत विभाग के रेस्ट हाउस ले गई है, जहां आगे की दस्तावेजी कार्रवाई की जा रही है।
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इस काम के मांगे थे 40 हजार
जानकारी के अनुसार, शंकर लाल कुशवाहा पिता टेजीलाल कुशवाहा निवासी अमगवां तहसील रीठी एक्सीडेंट में घायल हो गया था। एक्सीडेंट में उसका पैर टूट गया था। पहले वो चालक का काम करता था, लेकिन एक्सीडेंट के कारण वो अपाहिज हो गया है। जीवन यापन के लिए दिव्यांग का प्रमाण पत्र बनाकर दिव्यांग पेंशन का आवेदन करने के लिए जिला चिकित्सालय में पदस्थ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पीडी के पास पहुंचा। डॉ पी.डी सोनी ने 40 प्रतिशत दिव्यांगता का प्रमाण पत्र बनाने के लिए उससे 40 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। इसपर, पीड़ित ने कहा कि, साहब वो गरीब है, इतने रुपए नहीं दे सकेगा। इसपर, डॉक्टर ने दो टूक कहा कि, जब पैसे हों तभी प्रमाण – पत्र बनवाने आना।
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इस तरह रंगे हाथ धराया डॉक्टर
डॉक्टर की ये बात सुनकर आवेदक ने मामले की शिकायत जबलपुर लोकायुक्त से की। शिकायत पर लोकायुक्त एसपी ने मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए। जैसे ही पीड़ित ने डॉक्टर के क्लीनिक में दिव्यांग का प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 15 हजार की रिश्वत दी, वैसे ही लोकायुक्त टीम ने उसे दबोच लिया। उक्त कार्रवाई लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झड़बड़े, निरीक्षक कमल उइके, नरेश बेहरा सहित 8 सदस्य टीम की उपस्थिति में की गई।