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विजन डाक्यूमेंट: जन संवाद कार्यक्रम में विकास को लेकर उठी ये बड़ी बातें…

Discussion on vision document

कटनीJan 08, 2025 / 08:52 pm

balmeek pandey

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छग और नागपुर जाने से रोकना होगा दाल कारोबार, बंद खदानें शुरू हो तो बढ़े रोजगार
जन संवाद कार्यक्रम में कटनी विकास का विजन डाक्यूमेंट को लेकर शहरवासियों ने दिए सुझाव, जनप्रतिनिधियों ने बनाई बैठक से दूरी, सिर्फ एक विधायक हुए शामिल

कटनी. सरकार की टैक्स नीति के कारण जिले की पहचान दाल का कारोबार बंद होता जा रहा है। व्यापारी कटनी की बजाय छत्तीसगढ़ और नागपुर में जाकर मिलें शुरू कर रहे है। इससे न सिर्फ हमारी पहचान छिन रही है बल्कि इन उद्योगों से सृजित होने वाला रोजगार भी खत्म हो रहा है। खनिज बाहुल्य जिला होने के बावजूद 500 से ज्यादा खदाने सरकार की नीतियों के कारण बंद पड़ी है। इन खदानों के शुरू होने से न सिर्फ सरकार को राजस्व मिलेगा बल्कि बढ़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा और पलायन बंद होगा। कुछ इस तरह के विचार मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्तरीय जनसंवाद कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों, महिलाओं, युवाओं व समाज के प्रतिनिधियों ने कही। यह कार्यक्रम कटनी विकास का विजन डाक्यूमेंट बनाने के लिए आयोजित किया गया। हालांकि बैठक में शामिल होने से जनप्रतिनिधियों ने दूरी बनाए रखी। जिले के चार में से सिर्फ एक विधायक शामिल होने पहुंचे वहीं महापौर भी बैठक में शामिल नहीं हुई। बैठक में कटनी के चहुंमुखी विकास के लिए बहुमंजिला पार्किंग, चिकित्सा सुविधाओं के विकास, खेल प्रतिभाओं को संवारने और अवसर मुहैया कराने, शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय की स्थापना सहित कई महत्वपूर्ण सुझाव शहरवासियों ने रखे। जनसंवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने की।
5 की बजाय 20 लाख खर्च, कैसे लगे उद्योग
बैठक में एक समाजसेवी ने कहा कि उनके युवा साथी 5 लाख इनवेस्ट कर उद्योग लगाने चालते थे। जिला उद्योग केंद्र से उन्हें इंडस्ट्रियल एरिया में जमीन दिखाई गई, जिसमें करीब 15 फीट खाई थी। कुल खर्च पता किया तो 20 लाख होना सामने आया। ऐसी स्थिति में कोई युवा कैसे खुद का उद्योग स्थापित कर कारोबार कर सकेगा।
दर्जनों विभागों के चक्कर लगाते है उद्योगपति
लमतरा इंडस्ट्रियल एरिया से आए संजय अग्रवाल ने कहा कि सभी उद्योगों के रजिस्ट्रेशन और अन्य कार्यों के लिए सिंगल विंडो होना चाहिए। एक उद्योग स्थापित करने के लिए दर्जनों विभागों की अनुमति लेनी होती है। उद्योगपति वर्षभर चक्कर लगाता है तब जाकर स्वीकृति मिलती है।

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जनप्रतिनिधियों ने भी दिए सुझाव
बड़वारा विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह ने कहा कि जिले में लॉ कालेज की स्थापना होनी चाहिए। मवेशियों में वंशवृद्धि व नस्ल सुधार की जरूरत है। माधवनगर में रेलवे ओवरपास का निर्माण जरूरी है। तहसीलों में पटवारी कार्यालय बनने चाहिए। पूर्व महापौर शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि पिपरौंघ-पीरबाबा- जुहला बायपास का निर्माण जरूरी है। जिले में खनिज की उपलब्धता एवं रोजगार के अवसर को दृष्टिगत रखते हुए रिसर्च संस्थान सहित खनिज आधारित आईटीआई संस्थान की स्थापना होनी चाहिए। जिला पंचायत उपाध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा ने मास्टर प्लान और देवरी हटाई बाईपास का निर्माण करने सहित नगर की सुगम यातायात व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए दो- तीन स्थलों में लिफ्ट पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए। भाजपा जिलाध्यक्ष दीपक टंडन ने कहा कि कटनी जंक्शन पर वॉशिग पिट बननी चाहिए। जिससे नई ट्रेनें यहां से शुरू हो सकें।
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