अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनोज केड़िया ने बताया कि, धरवारा गांव निवासी 14 वर्षीय शिवम पिता बसंत यादव 10वीं कक्षा में पढ़ता था, 6 जनवरी को वो घर से लापता हो गया। पुलिस ने लापता होने की सूचना पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया था। खोजबीन के दौरान 8 जनवरी को शिवम की लाश शाहडार के जंगल में मिली। शिवम के सिर पर चोट के निशान थे। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया। जांच के दौरान पुलिस ने गांव के ही दो संदिग्धों को हिरासत में लिया। दोनों के साथ शिवम आखिरी बार देखा गया था। पूछताछ के दौरान संदिग्धों ने हत्या की वारदात को अंजाम देना स्वीकार कर लिया।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि, शिवम उनकी चचेरी बहन के संबंध में आपत्तिजनक बात करता था, जिसके कारण उसके सिर में पत्थर पटककर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद उसके शव का बरधाई नाले में फैंक दिया था। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों में एक नाबालिग है, जबकि दूसरा आरोपी धरवारा गांव निवासी आशीष चौधरी (19 वर्ष) है। इस मामले में पुलिस ने रमेश चौधरी और काजू चौधरी को भी आरोपी बनाया है। पुलिस का कहना है कि, रमेश चौधरी और काजू चौधरी को वारदात के संबंध में जानकारी थी, लेकिन दोनों ने पुलिस को सूचना नहीं दी। लिहाजा रमेश और काजू चौधरी को भी आरोपी बनाया गया है।
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केस सुलझाने में इस टीम की अहम भूमिका
आरोपियों को पकड़ने में स्लीमनाबाद थाना प्रभारी संजय दुबे, एसआई संतराम यादव, एएसआई अनुराग पाठक, राजेश कोरी, प्रधान आरक्षक अंजनी मिश्रा, जय सिंह, अंकित दुबे, आशीष आर्मो, अजय मेहरा, रोहित सिंह, बुजेश सिंह, सोने सिंह, राजा साहू की भूमिका रही। पूरी कार्रवाई पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन के निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनोज केड़िया और स्लीमनाबाद एसडीओपी मोनिका तिवारी के मार्गदर्शन में की गई। पुलिस अधीक्षक द्वारा पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है।
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