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इस मामले के लेकर डीपीसी केके डहेरिया का कहना है कि यहां पर भवन निर्माण कार्य की जनप्रतिधियों, ग्रामीणों के द्वारा भवन की मांग की गई की गई थी। मांग अनुसार प्रशासकीय स्वीकृति आदेश कमांक/1386, 16 अगस्त 23 के अनुसार 13 लाख 17 हजार 800 रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई थी। साथ ही प्राथमिक शाला दलीपुर में छात्र संख्या के मान से डीएमएफ मद से लागत 5 लाख 20 हजार रुपए के अतिरिक्त कक्ष निर्माण कार्य को स्वीकृत किया गया। सेक्टर उपयंत्री सर्व शिक्षा अभियान के मार्गदर्शन में अतिरिक्त कक्ष निर्माण कार्य छत स्तर पूर्ण हो चुका है। उपाध्यक्ष जिला पंचायत अशोक विश्वकर्मा के द्वारा भी दलीपुर भवन कार्य कराए जाने के लिए 2 लाख 50 हजार रुपए की राशि दी गई है। सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत स्वीकृत निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति निरस्त किए जाने के लिए 19 अगस्त को द्वारा निर्देश दिए गए हैं, जो निरस्त करने की कार्यवाही प्रचलन में है। डीपीसी ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं।
इस मामले के लेकर डीपीसी केके डहेरिया का कहना है कि यहां पर भवन निर्माण कार्य की जनप्रतिधियों, ग्रामीणों के द्वारा भवन की मांग की गई की गई थी। मांग अनुसार प्रशासकीय स्वीकृति आदेश कमांक/1386, 16 अगस्त 23 के अनुसार 13 लाख 17 हजार 800 रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई थी। साथ ही प्राथमिक शाला दलीपुर में छात्र संख्या के मान से डीएमएफ मद से लागत 5 लाख 20 हजार रुपए के अतिरिक्त कक्ष निर्माण कार्य को स्वीकृत किया गया। सेक्टर उपयंत्री सर्व शिक्षा अभियान के मार्गदर्शन में अतिरिक्त कक्ष निर्माण कार्य छत स्तर पूर्ण हो चुका है। उपाध्यक्ष जिला पंचायत अशोक विश्वकर्मा के द्वारा भी दलीपुर भवन कार्य कराए जाने के लिए 2 लाख 50 हजार रुपए की राशि दी गई है। सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत स्वीकृत निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति निरस्त किए जाने के लिए 19 अगस्त को द्वारा निर्देश दिए गए हैं, जो निरस्त करने की कार्यवाही प्रचलन में है। डीपीसी ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं।
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बच्चों को हो रही असुविधा
दलीपुर का यह चर्चित स्कूल है, जहां पर समस्याओं का अंबार है। दो साल से अधिक समय से बच्चे यहां के परेशान हो रहे हैं। बिल्डिंग जर्जर होने के कारण चबूतरे में स्कूल लग रहा था। इसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों के निर्देश पर आंगनवाड़ी में वैकल्पिक व्यवस्था कराई है। समस्या गंभीर होने के बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे।