कटनी. ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र में आई बाढ़ की आपदा में अफसरों ने मुआवजा वितरण में खेल कर दिया। आपदा को अवसर बनाते हुए ऐसे लोगों को भी मुआवजा बांट दिया, जिन्हें दिया नहीं जाना था। ग्रामीणों की शिकायत के बाद अब अफसरों का कारनामा सामने आने लगा है। आलम यह है कि अब अधिकारी अपात्रों को बाटा गया मुआवजा वापस मांग रहे है।
जानकारी के अनुसार ढीमरखेड़ा जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पिपरिया शुक्ल में बाढ़ आपदा के बाद हुए नुकसान पर आपात्रों को भी राशि वितरण को लेकर तहसीलदार ने नोटिस जारी किया है। जारी नोटिस में कहा गया है कि 24 जुलाई को आई बाढ़ में प्रभावित व्यक्तियों की सूची में आपको अपात्र पाया गया है, जिसके चलते आपको स्वीकृत किया गया मुआवजा वापस करना होगा। तहसीलदार ने नेहा पटेल, महाजन कोरी, सुम्मीबाई, जग्गन कोरी, प्रेमबाई, कपिल कोरी सहित अन्य 22 लोगों को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में संबंधितों को जारी की गई राशि का उल्लेख करते हुए 7 दिन के अंदर राशि जमा करने कहा गया है।
जानकारी के अनुसार ढीमरखेड़ा जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पिपरिया शुक्ल में बाढ़ आपदा के बाद हुए नुकसान पर आपात्रों को भी राशि वितरण को लेकर तहसीलदार ने नोटिस जारी किया है। जारी नोटिस में कहा गया है कि 24 जुलाई को आई बाढ़ में प्रभावित व्यक्तियों की सूची में आपको अपात्र पाया गया है, जिसके चलते आपको स्वीकृत किया गया मुआवजा वापस करना होगा। तहसीलदार ने नेहा पटेल, महाजन कोरी, सुम्मीबाई, जग्गन कोरी, प्रेमबाई, कपिल कोरी सहित अन्य 22 लोगों को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में संबंधितों को जारी की गई राशि का उल्लेख करते हुए 7 दिन के अंदर राशि जमा करने कहा गया है।
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मुआवजा वितरण पर उठे सवाल
जानकारी के अनुसार बाढ़ प्रभावित परिवारों के सर्वे के लिए टीमें बनाई गई थीं। पटवारी, सचिव, रोजगार सहायक सहित राजस्व विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया था। इसकी मॉनीटरिंग तहसीलदार व एसडीएम को करनी थी, इसके बावजूद अपात्रों को मुआवजा राशि वितरित कर दी गई। कहा जा रहा है कि पिपरिया शुक्ल में शिकायत होने के बाद अपात्रों का खुलासा हुआ है। ऐसे अन्य गांव भी है, जहां अफसरों ने मनमाने तरीके से मुआवजा वितरित किया है।
मुआवजा वितरण पर उठे सवाल
जानकारी के अनुसार बाढ़ प्रभावित परिवारों के सर्वे के लिए टीमें बनाई गई थीं। पटवारी, सचिव, रोजगार सहायक सहित राजस्व विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया था। इसकी मॉनीटरिंग तहसीलदार व एसडीएम को करनी थी, इसके बावजूद अपात्रों को मुआवजा राशि वितरित कर दी गई। कहा जा रहा है कि पिपरिया शुक्ल में शिकायत होने के बाद अपात्रों का खुलासा हुआ है। ऐसे अन्य गांव भी है, जहां अफसरों ने मनमाने तरीके से मुआवजा वितरित किया है।
रोजगार सहायक पर उठी ऊंगली, अफसरों पर नहीं आंच
मुआवजा वितरण व प्रकरण बनाने को लेकर पिपरिया शुक्ल के रोजगार सहायक के खिलाफ लेनदेन की शिकायत ग्रामीणों ने की। अफसरों ने जांच की तो शिकायत को सही माना। रोजगार सहायक से जवाब भी जिला पंचायत सीइओ ने मांगा है लेकिन रोजगार सहायक जिन अधिकारियों की सरपरस्ती में प्रकरण तैयार करवा रहा था, उनपर अबतक जांच की आंच नहीं आई है।
मुआवजा वितरण व प्रकरण बनाने को लेकर पिपरिया शुक्ल के रोजगार सहायक के खिलाफ लेनदेन की शिकायत ग्रामीणों ने की। अफसरों ने जांच की तो शिकायत को सही माना। रोजगार सहायक से जवाब भी जिला पंचायत सीइओ ने मांगा है लेकिन रोजगार सहायक जिन अधिकारियों की सरपरस्ती में प्रकरण तैयार करवा रहा था, उनपर अबतक जांच की आंच नहीं आई है।