कटनी

कलेक्टर ने 13 साल के बच्चे को बनाया स्वच्छता का ब्रांड एंबेसडर, छात्र के सुझाव ने किया कमाल

महज 13 साल के छात्र आशुतोष को कलेक्टर अवि प्रसाद ने जिले में स्वच्छता का ब्रांड एंबेसडर बनाया है।

कटनीDec 26, 2022 / 08:47 pm

Faiz

कलेक्टर ने 13 साल के बच्चे को बनाया स्वच्छता का ब्रांड एंबेसडर, छात्र के सुझाव ने किया कमाल

एक तरफ तो डिजिटल रिवॉल्यूशन ने लेटर सिस्टम को पूरी तरह से ठप्प कर दिया है तो वहीं दूसरी तरफ एक कागज पर लिखी इबारत को मंजूरी देने पर कलेक्टर को मजबूर कर दिया। हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के कटनी जिले की, जहां पर चिट्ठी लिखकर स्वच्छता का सुझाव देने वाले महज 13 साल के छात्र आशुतोष को कटनी कलेक्टर अवि प्रसाद ने जिले में स्वच्छता का ब्रांड एंबेसडर बना दिया है। कलेक्टर ने चात्र आषुतोष को ब्रांड एंबेसडर की उपाधि भी प्रदान की है।

आपको बता दें कि, 13 वर्षीय स्कूली छात्र आशुतोष कटनी के सीएम राइज स्कूल में 9वीं कक्षा के छात्र हैं। लेकिन उन्होंने एक पोस्टकार्ड पर स्वच्छता की जिम्मेदारी कैसे निभाई जाए, इसे लिखते हुए नगर निगम क्षेत्र में कार्यरत सफाई कर्मियों और कचरा गाड़ियों के ड्राइवरों को प्रशिक्षण देने की बात कही है। यह बात कटनी कलेक्टर को इतनी अच्छी लगी कि, उन्होंने बच्चों को स्वच्छता का ब्रांड एंबेसडर ही बना दिया।

 

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स्वच्छता का पाठ पढ़ाएगा 9वीं का छात्र

कलेक्टर अवि प्रसाद ने आशुतोष को बुलाकर पहले तो सम्मानित किया, उसके बाद आशुतोष माणके को ब्रांड एंबेसडर का नियुक्ति पत्र भी दे दिया। नियुक्ति पत्र में लिखा कि, स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 की गाइडलाइन के अनुसार, विद्यालय में स्वच्छ भारत मिशन की जागरूकता गतिविधियों को बताएंगे। इसके लिए उन्हें ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया जाता है।

 

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पत्र में छात्र ने लिखी थी ये बात

आपको ये भी बता दें कि, 9वीं कक्षा के छात्र आशुतोष ने कलेक्टर को लिखे पत्र के जरिए कहा था कि, ‘नमस्कार मैं आशुतोष माणके शास. सीएम राइज मॉडल उ. मा. विद्यालय में कक्षा 9वीं का छात्र हूं। मेरा आपसे एक अनुरोध और सुझाव है। शहर में बहुत सी कचरा गाड़ी है, जिसमें गीला कचड़ा और सूखा कचड़ा के दो अलग – अलग डब्बे हैं, लेकिन लोग इसके प्रति बिल्कुल जागरुक नहीं है। इसीलिए मेरा आपसे अनुरोध है कि, आप जिले के सभी एमएसडब्ल्यू कार्यकर्ताओं, सफाई कर्मचारियों और सभी कचरा गाड़ी ड्राईवरों का विशेष प्रशिक्षण करवाएं, जिसमें उन्हें प्रशिक्षित किया जाए। आशा है कि, आप अवश्य मेरे सुझाव पर विचार करेंगे।’

 

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