परिवहन की कमी से हो रही थी परेशानी
आठ महीने पहले कॉलेज का स्थानांतरण गुलवारा में हुआ था, जिससे छात्राओं को आने-जाने में काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा था। इस क्षेत्र में पर्याप्त सार्वजनिक परिवहन की कमी के चलते छात्राओं को अपने घर से कॉलेज तक पहुंचने में लंबा समय लगता था। कई छात्राएं आर्थिक कठिनाईयों के कारण टैक्सी या ऑटो किराए पर नहीं ले सकती थीं। ऐसी स्थिति में, छात्राओं को या तो असुविधा सहनी पड़ रही थी या उनकी उपस्थिति पर असर पड़ रहा था।
आठ महीने पहले कॉलेज का स्थानांतरण गुलवारा में हुआ था, जिससे छात्राओं को आने-जाने में काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा था। इस क्षेत्र में पर्याप्त सार्वजनिक परिवहन की कमी के चलते छात्राओं को अपने घर से कॉलेज तक पहुंचने में लंबा समय लगता था। कई छात्राएं आर्थिक कठिनाईयों के कारण टैक्सी या ऑटो किराए पर नहीं ले सकती थीं। ऐसी स्थिति में, छात्राओं को या तो असुविधा सहनी पड़ रही थी या उनकी उपस्थिति पर असर पड़ रहा था।
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बस सेवा के लिए टेंडर प्रक्रिया
कॉलेज प्रबंधन ने छात्राओं की समस्या को समझते हुए बस सेवा की आवश्यकता महसूस की और इसके लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई। इस प्रक्रिया में कुल 12 बस ऑपरेटरों ने आवेदन किया, जिनमें से सबसे कम दर वाले ऑपरेटर को यह ठेका प्रदान किया गया। इस प्रक्रिया से कॉलेज प्रबंधन ने न केवल खर्च को नियंत्रित किया, बल्कि सुनिश्चित किया कि छात्राओं को सुविधाजनक और सस्ती परिवहन सेवा मिले।
बस सेवा के लिए टेंडर प्रक्रिया
कॉलेज प्रबंधन ने छात्राओं की समस्या को समझते हुए बस सेवा की आवश्यकता महसूस की और इसके लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई। इस प्रक्रिया में कुल 12 बस ऑपरेटरों ने आवेदन किया, जिनमें से सबसे कम दर वाले ऑपरेटर को यह ठेका प्रदान किया गया। इस प्रक्रिया से कॉलेज प्रबंधन ने न केवल खर्च को नियंत्रित किया, बल्कि सुनिश्चित किया कि छात्राओं को सुविधाजनक और सस्ती परिवहन सेवा मिले।
तय किए गए बस रूट
गौरतलब है कि गर्ल्स कॉलेज में परिवहन सुविधा की कमी के मुद्दे को पत्रिका द्वारा प्रमुखता से उठाया गया। पत्रिका की ने बार-बार छात्राओं की समस्या को उजागर करने के काम किया, जिसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने इस पर ध्यान दिया और इस समस्या का समाधान निकालने के लिए बस सेवा की शुरुआत की।
- स्टेशन से कॉलेज: शहर के स्टेशन से लेकर कॉलेज तक एक बस का रूट तय किया गया है, जो स्टेशन के आसपास की छात्राओं के लिए मददगार होगा।
- पन्ना मोड़ से कॉलेज: पन्ना मोड़ से भी बस सेवा की सुविधा रहेगी ताकि उस क्षेत्र की छात्राएं आसानी से कॉलेज पहुंच सकें।
गुलवारा मोड़ से कॉलेज: गुलवारा मोड़ से कॉलेज तक की सेवा भी छात्राओं को दी जाएगी। - राधा स्वामी सत्संग भवन से कॉलेज: राधा स्वामी सत्संग भवन के आसपास की छात्राओं के लिए यहां से बस उपलब्ध होगी।
गौरतलब है कि गर्ल्स कॉलेज में परिवहन सुविधा की कमी के मुद्दे को पत्रिका द्वारा प्रमुखता से उठाया गया। पत्रिका की ने बार-बार छात्राओं की समस्या को उजागर करने के काम किया, जिसके बाद कॉलेज प्रबंधन ने इस पर ध्यान दिया और इस समस्या का समाधान निकालने के लिए बस सेवा की शुरुआत की।
छात्राओं को मिलेगी बड़ी राहत
इस नई परिवहन सेवा से छात्राओं को एक बड़ी राहत मिलेगी। अब उन्हें समय की पाबंदी और अतिरिक्त खर्च की चिंता किए बिना कॉलेज आने-जाने की सुविधा मिलेगी। इससे न केवल उनकी उपस्थिति में सुधार होगा, बल्कि उनकी पढ़ाई पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। छात्राओं के माता-पिता भी इस कदम से संतुष्ट हैं, क्योंकि उन्हें अब अपनी बेटियों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर कम चिंता रहेगी।
इस नई परिवहन सेवा से छात्राओं को एक बड़ी राहत मिलेगी। अब उन्हें समय की पाबंदी और अतिरिक्त खर्च की चिंता किए बिना कॉलेज आने-जाने की सुविधा मिलेगी। इससे न केवल उनकी उपस्थिति में सुधार होगा, बल्कि उनकी पढ़ाई पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। छात्राओं के माता-पिता भी इस कदम से संतुष्ट हैं, क्योंकि उन्हें अब अपनी बेटियों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर कम चिंता रहेगी।
वर्जन
छात्राओं की समस्याओं को दूर करना हमारी प्राथमिकता है। हमने महसूस किया कि परिवहन सुविधा का अभाव उनकी पढ़ाई पर नकारात्मक असर डाल रहा था। हमने यह निर्णय लिया है कि हम इस सुविधा का संचालन इस तरह से करेंगे कि सभी छात्राओं को इसका लाभ मिल सके। अनुबंध कराते हुए अगले सप्ताह से बसों का संचालन शुरू करा दिया जाएगा।
डॉ. चित्रा प्रभात, प्राचार्य गल्र्स कॉलेज।
छात्राओं की समस्याओं को दूर करना हमारी प्राथमिकता है। हमने महसूस किया कि परिवहन सुविधा का अभाव उनकी पढ़ाई पर नकारात्मक असर डाल रहा था। हमने यह निर्णय लिया है कि हम इस सुविधा का संचालन इस तरह से करेंगे कि सभी छात्राओं को इसका लाभ मिल सके। अनुबंध कराते हुए अगले सप्ताह से बसों का संचालन शुरू करा दिया जाएगा।
डॉ. चित्रा प्रभात, प्राचार्य गल्र्स कॉलेज।