बिहार के समस्तीपुर जिले का यह युवक अब अपनी मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण दर-दर भटकने मजबूर है।कोतवाली थाना पहुंचे परिजनों ने बताया कि जयप्रकाश (34) पढ़नेे में होनहार था। एआइईईई में उसने देशभर में 2200 रैंक हासिल की थी। वह एनआइटी त्रिची का छात्र रहा है।
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परिजनों के अनुसार जयप्रकाश बैंगलोर की एक निजी कंपनी में 20 लाख रुपए के सालाना पैकेज में नौकरी कर रहा था। वहां वह नशे का आदी हो गया और एक साल में ही उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया। इसके बाद अब उसका उपचार आइजीएमस पटना में कराया जा रहा है।
परिजनों के अनुसार जयप्रकाश बैंगलोर की एक निजी कंपनी में 20 लाख रुपए के सालाना पैकेज में नौकरी कर रहा था। वहां वह नशे का आदी हो गया और एक साल में ही उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया। इसके बाद अब उसका उपचार आइजीएमस पटना में कराया जा रहा है।
2 दिसंबर को जयप्रकाश अचानक घर से बिना बताए निकल गया और उसका पता नहीं चला। इसकी शिकायत स्थानीय थाना में दर्ज कराई थी, जिसके बाद उसके कटनी में होने की जानकारी लगी। पुलिस ने दवाएं मंगवाकर खिलाई, रो पड़ी मां:
कोतवाली टीआइ आशीष शर्मा ने बताया कि युवक के स्टेशन रोड स्थित एक लॉज में होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद टीम उसे थाने ले आई थे। युवक के मोबाइल के माध्यम से परिजनों से संपर्क हुआ। परिजनों के बताए अनुसार युवक की दवाइयां बाजार से मंगवाई गई और उसे दी गई। हालांकि युवक की रात मुश्किल से कटी। सुबह जब पुलिस ने युवक को परिजनों को सौंपा तो उसकी मां रो पड़ी।
कोतवाली टीआइ आशीष शर्मा ने बताया कि युवक के स्टेशन रोड स्थित एक लॉज में होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद टीम उसे थाने ले आई थे। युवक के मोबाइल के माध्यम से परिजनों से संपर्क हुआ। परिजनों के बताए अनुसार युवक की दवाइयां बाजार से मंगवाई गई और उसे दी गई। हालांकि युवक की रात मुश्किल से कटी। सुबह जब पुलिस ने युवक को परिजनों को सौंपा तो उसकी मां रो पड़ी।