इस दौरान तहसील न्यायालय, अनुविभागीय अधिकारी न्यायालय एवं संभाग आयुक्त न्यायालय से मंदिर के पक्ष में फैसला आया है और धारा 250 के तहत कार्रवाई की गई। इस दौरान नगर निगम को कब्जा खाली कराना था। गुरुवार को भी तहसीलदार व नगर निगम की टीम कब्जा हटाने पहुंची थी। उसे दौरान भी विवाद की स्थिति बनी थी। शनिवार को जब टीम फिर पहुंची और अतिक्रमण में मलबा को हटाने लगी तो रोशन विश्वकर्मा व पार्वती विश्वकर्मा आग बबूला हो गए और विरोध करने लगे। इस दौरान न्याय की मांग को लेकर के पार्वती निषाद ने आत्मदाह का प्रयास किया।
मंदिर समिति की है जमीन
इस दौरान जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष प्रमोद सरावगी ने बताया कि उक्त भूमि जगन्नाथ मंदिर की। न्यायालय ने भी इस बात को सिद्ध कर दिया है। रोशन विश्वकर्मा तहसील न्यायालय, एसडीएम न्यायालय, कमिश्नर न्यायालय से केस हार चुके हैं। न्यायालय के आदेश पर शनिवार को नगर निगम द्वारा मलबा हटाया गया। जब मलबा हटाया जाता जा रहा था तब बेवजह विवाद की स्थिति बनाई गई।
की जा रही है गुंडागर्दी
दूसरी ओर रोशन विश्वकर्मा व पार्वती विश्वकर्मा का कहना है कि जगन्नाथ यात्रा के संयोजक विजय ठाकुर, अध्यक्ष प्रमोद सरावगी सहित धन्य लोग गुंडागर्दी करते हुए जबदस्ती कब्जा खाली कर रहे हैं, जबकि अभी मामला सिविल न्यायालय में चल रहा है। 29 अगस्त को समय दिया जाना था, लेकिन नहीं दिया गया। उस दिन भी कार्रवाई की गई। प्रभावितों ने मंदिर समिति के पदाधिकारी पर मनमानी करने का आरोप लगाया है।
इस दौरान मंदिर समिति के सचिव शिव सोनी ने कहा कि रोशन विश्वकर्मा को मानवता के आधार पर मंदिर समिति की जमीन पर ही आवास की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था, लेकिन उनके द्वारा बेवजह यहां वहां शिकायत की गई जिसके कारण ऐसी स्थिति बनी है। अभी जहां पर दुकान चल रही थी वहा अमिक्रमण को प्रशासन ने हटा दिया है। 15 अक्टूबर के बाद मकान को भी खाली कराया जाएगा। अभी बारिश का सीजन चल रहा है इसलिए उसे खाली नहीं कराया गया।
न्यायालय के आदेश पर मंदिर की जमीन से अतिक्रमण हटाया गया है। अभी बारिश का सीजन चल रहा है, इसलिए नियम के अनुसार 15 अक्टूबर तक मकान नहीं हटाया गया। 15 अक्टूबर के बाद उसमें कार्रवाई की जाएगी। कब्जाधारी द्वारा बेवजह ड्रामा किया जा रहा है।
वीके मिश्रा, तहसीलदार।