दरअसल, हुआ ये कि रविवार को सिविल लाईन इलाके में रहने वाले नितिन पाठक अपनी कार में पेट्रोल भरवाने नदी पार स्थित शशांक चांडक पेट्रोल पंप पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी कार नंबर एमपी 21 केए 3522 का टैंक फुल करने के लिए कर्मचारी से कहा। कर्मचारी द्वारा टैंक फुल करने के बाद मशीन में देखकर 50 लीटर पेट्रोल भरे जाने की रसीद हाथ में थमा दी। कार में 50 लीटर पेट्रोल भरे जाने का बिल देख नितिन हैरान रह गए। क्योंकि कार के जिस टैंक में पंप कर्मचारी ने 50 लीटर पेट्रोल भरकर उनके हाथ में बिल थमाया था उस टैंक की क्षमता ही 42 लीटर थी। नितिन के अनुसार, उनकी कार में पहले से ही करीब 8 लीटर पेट्रोल मौजूद था।
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ये कैसे हो सकता है ?
अब सवाल ये उठता है कि, जिस टैंक की छमता ही 42 लीटर हो और उसमें पहले से ही करीब 8 वीटर पेट्रोल मौजूद हो तो उस टैंक को 50 लीटर और पेट्रोल भरकर फुल कैसे किया जा सकता है ? कार के मालिक नितिन पाठक के अनुसार एक दिन पहले ही उसने अपनी कार में 1 हजार रुपए का पेट्रोल भरवाया था। उसका बिल भी उसके पास मौजूद है, जिसे उसने मीडिया को दिखाया भी। लेकिन गाड़ी की रनिंग अधिक होने की वजह से उसने सोचा कि बार-बार पेट्रोल भरवाने के झंझट से बचने के लिए वो कार का टैंक फुल करा लें, लेकिन टैंक पर उसके साथ इतनी बड़ी ठगी हुई, जिसका अंदाजा उसने लगाया भी नहीं था।
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एक और समस्या ने अधिकारियों को कर डाला हैरान
हालांकि, मामले के तूल पकड़ने के बाद जब टैंक से पेट्रोल पंप के बांटों में वापस निकाला गया तो उसमें भी एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई। मेनुफेक्चरिंग कंपनी द्वारा जिस कार की टैंक कैपेसिटी 42 लीटर बताई गई हो उस टैंक में उससे अधिक पेट्रोल आ पाना संभव ही नहीं है, लेकिन जब पंप कर्मियों ने अपने बांटों में पेट्रोल वापस निकाला तो वो भी 47 लीटर निकला। अब यहां ये तो स्पष्ट हो गया कि टैंक में 50 लीटर पेट्रोल था ही नहीं, लेकिन नया सवाल ये खड़ा हो गया कि जिस टैंक की क्षमता ही 42 लीटर है उसमें से 47 लीटर पेट्रोल वापस निकला कैसे। अगर कार कंपनी ने टैंक बनाने में कोई गड़बड़ी नहीं की है तो फिर एक और गड़बड़ी पेट्रोल पंप के उन बांटों में भी है, जिसके जरिए नापकर कार के टैंक से पेट्रोल निकाला गया। मामले को लेकर नापतोल अधिकारी माजीद खान का कहना है कि टैंक से निकले पेट्रोल की नाम कराई गई जिसमें टैंक से 47 लीटर पेट्रोल निकला है।
क्या इस पहेली को सुलझा सकते हैं आप ?
कार मालिक ने एक दिन पहले भी अपनी गाड़ी में एक हजार रुपए का पेट्रोल भरवाया था। यानी करीब 8 लीटर पेट्रोल एक दिन पहले ही रात के समय उनकी कार में भरा था। अब 42 लीटर के टैंक में 8 लीटर पेट्रोल पहले से ही मौजूद हो तो कैपेसिटी के हिसाब से टैंक की क्षमता 34 लीटर बचती है। इस हिसाब से पेट्रोल पंप ने कार मालिक के साथ 16 लीटर पेट्रोल का घपला किया। लेकिन दूसरी तरफ टैंक खाली करने पर उसमें से 47 लीटर पेट्रोल वापस निकल आया। इस हिसाब से 50 लीटर में सिर्फ 3 लीटर ही पेट्रोल कम निकला और अगर कार मालिक के पिछले भरवाए हुए 8 लीटर पेट्रोल की बात भी मान लें तो इसपर कुल कार चालक से 11 लीटर पेट्रोल का घपला हुआ। फिलहाल, मामले की पूर्ण सच्चाई क्या है ये तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।