कटनी

एमपी में बड़ी घटना, जहरीली गैस के रिसाव से 4 लोगों की मौत, सीएम ने जताया दुख

Katni news : एक के बाद एक चार लोगों को निगलता गया जहरीला कुआं। कुएं में हुआ जहरीली गैस का रिसाव, जुहली ग्राम के खेत में स्थित कुएं में किसान और उसके भतीजे समेत दो अन्य ग्रामीणों की मौत।

कटनीJul 26, 2024 / 10:50 am

Faiz

4 villagers died in well : मध्य प्रदेश के कटनी जिले के अंतर्गत आने वाले न्यू कटनी जंक्शन थाना इलाके के ग्राम जुहली में हृदय विदारक घटना सामने आई है। यहां पर एक जहरीले कुएं ने एक के बाद एक 4 ग्रामीणों को निगल लिया है। घटना गुरुवार शाम 4 बजे की बताई जा रही है। दरअसल, रामकुमार दुबे पिता स्वर्गीय देवदत्त दुबे खेत में धान रोपाई के लिए सिंचाई की व्यवस्था करने कुएं के अंदर स्थित नलकूप में पंप के सुधार के लिए व्यवस्था कर रहे थे। लेकिन, कुएँ में हुए जहरीली गैस के रिसाव के चलते वो कुएं में बेहोश हो गए।
राम दुबे के कुएं में बेहोश होने पर कुएं के बाहर खड़े भतीजे निखिल को लगा कि उन्हें करंट लग गया। निखिल ने तुरंत ही मोटर के तार अलग किए और चाचा को देखने कुएं में चला गया। लेकिन, कुएं की जहरीली गैस के रिसाव की चपेट में आकर वो भी बेहोश हो गया। इसके बाद पास में मौजूद लक्ष्छु सेन ने देवेंद्र कुशवाहा को बुलाया। देवेंद्र भी घुसा और बेहोश हो गया। इसके बाद देवेंद्र की मां ने राजेश कुशवाहा को फोन कर बताया कि, लड़के कुएं में गिरकर बेहोश हो गए हैं। राजेश भी मौके पर पहुंचकर तुरंत कुएं में उतर गया। लेकिन, इससे पहले की वो किसी को बाहर ला पाता वो भी बेहोश हो गया।

गांव में मचा हड़कंप

जैसे ही घटना की जानकारी आसपास के किसानों को लगी कि 4 लोग कुएं में बेहोश होकर गिर गए हैं, आसपास हड़कंप मच गया। जुहला जुहली गांव में अफरा तफरी मच गई। ग्रामीण मदद के लिए कुएं की तरफ भागे, लेकिन मौके पर पहुंच कर पता लगा कि कुएं में जहरीली गैस का रिसाव हो रहा है, इसलिए कुएं में जाना ठीक नहीं। इसके बाद ग्रामीणों ने तत्काल ही प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित कर मदद की गुहार लगाई। लेकिन, कुएं में बेहोश पड़े चारों ग्रामीणों तक शाम 4 बजे हुए घटनाक्रम में मदद देर रात तक पहुंची।

हादसे में चारों की मौत

घंटों प्रशासनिक मदद का इंतजार करते हुए आखिरकार देर रात को जबतक प्रशासनिक रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची तबतक कुएं की जहरीली गैस की चपेट में आकर बेहोश हुए चारों ग्रामीणों की मौत हो गई। कुएं की जहरीली गैस की चपेट में आकर दम घुटने से जान गवाने वालों में 20 वर्षीय निखिल दुबे पिता संजय दुबे निवासी जुहली, 38 वर्षीय रामकुमार दुबे पिता स्वर्गीय देवदत्त दुबे, निवासी जुहली, 30 वर्षीय राजेश कुशवाहा पिता यज्ञभान कुशवाहा और 26 वर्षीय पिंटू पिता श्यामलाल कुशवाहा दोनों निवासी जुहली की मौत हो गई है।

सीएम मोहन ने जताया शोक

मामले को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- ‘कटनी जिले के मुड़वारा विधानसभा के ग्राम जुहली में किसान द्वारा अपने खेत के कुएं में सबमर्सिबल मोटर पंप लगाते समय जहरीली गैस के रिसाव से हुई दुर्घटना में 4 अनमोल जिंदगियों के असामयिक निधन का समाचार हृदय विदारक है। मैं बाबा महाकाल से प्रार्थना करता हूं कि, दिवंगतों की पुण्यात्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं शोकाकुल परिजन को ये वज्रपात सहन करने की शक्ति प्रदान करे।। ॐ शांति।।’

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इनकी बची जान

प्रशासनिक मदद आने में काफी देरी होने पर कुछ और ग्रामीणों ने खुद ही कुएं में उतरकर बेहोश पड़े चारों ग्रामीणों को बाहर लाने का प्रयास किया, लेकिन इससे पहले की वो पूरी तरह कुएं में उतर पाते, उनका भी दम घुटने लगा, जिसके चलते जैसे तैसे वो बाहर आ गए। इस तरह ये लोग कुएं की जहरीली गैस से बचकर वापस बाहर आने में सफल रहे, वरना ये ह्रदय विदारक घटना और भी गंभीर रूप ले सकती थी। कुएं से बाहर आने वालों में नीरज कुशवाहा, पिता यज्ञभान कुशवाहा ने सबसे पहले कुएं में जाकर बेहोश पड़े ग्रामीणों को बाहर लाने का प्रयास किया, लेकिन 5 सीढ़ी नीचे उतरने पर ही उसका दम घुटने लगा, जिसके चलते वो कुएं से बाहर निकल आया। इसके बाद निखिल के पिता संजय दुबे उतरने लगे। वो भी 3 सीढ़ियों तक ही पहुंचे थे कि उनका भी दम घुटने लगा, जिसके चलते वो भी वापस बाहर आ गए। इसके बाद ग्रामीणों ने सतर्कता बरतते हुए और किसी को अंदर नहीं जाने दिया।

रास्ता दुर्गम होने के कारण आ रही समस्या

जुहली हार में जहां पर ये घटना हुई है, वो गांव से लगभग 3 किलोमीटर दूर है। यहां पर रास्ता न होने के कारण और दलदली क्षेत्र अधिक होने के कारण मौके पर पहुंचने में पुलिस प्रशासन समेत ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालात ये थे कि बारिश के दिनों में दलदली क्षेत्र अधिक होने के कारण रेस्क्यू टीम पैदल भी नहीं पहुंच पा रही थी। आखिरकार ट्रैक्टर में सवार होकर प्रशासनिक अमला जैसे तैसे मौके पर पहुंचा।

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जिले में व्यवस्थाएं नाकाफी

गांव में यह दर्दनाक घटना सामने आने के बाद जब रेस्क्यू की बारी आई तो यहां पर इंतजामों का भी खासा अभाव सामने आया। रेस्क्यू के लिए कोई भी पर्याप्त इंतजाम नहीं दिखे। कुएं में उतारने के लिए ना तो लाइफ सपोर्ट सिस्टम के साथ कोई एक्सपर्ट रहा और नहीं कोई अन्य विशेषज्ञ नजर आए। यहां पर कर लोग एक दूसरे को सलाह देते हुए नजर आए, लेकिन समय पर रेस्क्यू नहीं किया जा सका।

नरोजाबाद से आने वाली टीम का होता रहा इंतजार

अंत में जब पुलिस-प्रशासन थक हार गया तो ये तय किया गया कि नरोजाबाद से कोल माइंस में काम करने वाली एक्सपर्ट टीम को बुलाया जाए। रात 12 बजे तक टीम मौके पर नहीं पहुंच पाई। सिर्फ यही कहा जाता रहा की टीम रवाना हो गई है, कुछ समय के बाद पहुंचने वाली है।

पोस्टमार्टम के लिए चारों शव रवाना किए गए

खान बचाव दल के सदस्यों ने लाइफ सपोर्ट जैकेट की मदद से कुएं में उतरकर बोहोश हुए चारों ग्रामीणों को बाहर निकाला। लेकिन, तबतक चारों की मौत हो चुकी थी। इस दौरान एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम ने उनकी मदद की। फिलहाल, रेस्क्यू के बाद तड़के तक चली जांच पड़ताल और पंचनामें के बाद चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया गया है। एसडीएम प्रदीप मिश्रा की मौजूदगी में हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा किया गया।

विधायक, कलेक्टर, एसपी रहे मुस्तैद

घटना की जानकारी लगते ही क्षेत्रीय विधायक संदीप जयसवाल घटनास्थल पर पहुंचे और परिजन समेत ग्रामीणों को ढांढ़स बंधाया। जिले के अधिकारियों को रेस्क्यू के लिए आवश्यक निर्देश दिए। वहीं, सूचना मिलते ही कलेक्टर दिलीप कुमार यादव, पुलिस अधीक्षक अभिजीत रंजन, एडिशनल एसपी संतोष कुमार डेहरियाज़ सीएसपी ख्याति मिश्रा मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लेते हुए रेस्क्यू के लिए आवश्यक इंतजामों की तैयारी शुरू कराई।

स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मुस्तैद

घटना की जानकारी लगते हैं सिविल सर्जन डॉ. यशवंत वर्मा, आरएमओ डॉ. मनीष मिश्रा, नर्सिंग स्टाफ के साथ मौके पर मुस्तैद रहे। इस दौरान प्रदूषण विभाग से प्रतीक ज्योतिषी भी गैस डिटेक्ट करने के लिए पहुंचे। हालांकि कुएं की गहराई होने के कारण गैस का अबतक पता नहीं चल पाया था। बाद में यह अंदाज लगाया गया कि कार्बन डाइऑक्साइड गैस के कारण चारों ग्रामीणों की मौत हुई है।

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