दरअसल, 19 सितंबर की रात इन बदमाशों ने रेलवे स्टेशन के पास जीआरपी थाने के सामने गोलीबारी कर एक व्यक्ति को घायल कर दिया था। यह बदमाश आपसी रंजिश के कारण स्टेशन के सामने चाय का ठेला लगाने वाले ओम गोस्वामी को गोली मारने आए थे लेकिन उन्होंने गलती से उत्तर प्रदेश के निवासी अरुण दुबे की पीठ पर गोली मार दी जिससे वह घायल हो गए थे।
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ऐसे पकड़े गए बदमाश
पुलिस ने इस घटना के तुरंत बाद बदमाशों की तलाश शुरू कर दी थी। जीआरपी थाना प्रभारी आशीष कुमार शर्मा द्वारा आरोपियों को चिन्हित करने के लिए घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को चेक कराया गया। इस सीसीटीवी फुटेज में तरूण जाटव, रितेश दाहिया और विष्णु ठाकुर नाम के लड़कों को देखा और इनकी तलाश शुरू की गई। इन बदमाशों को पकड़ने के लिए मुखबिरों को एक्टिव किया गया। मुखबिरों ने बताया कि आरोपी शहर से भागने की फिराक में है। पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए तीनो आरोपियों को अलग-अलग स्थान से गिरफ्तार किया। पुलिस ने रितेश दाहिया और विष्णु ठाकुर के आलावा एक नाबालिक को गिरफ्तार किया और उनसे पूछताछ की। यह भी पढ़े – रोजगार की तलाश में मध्यप्रदेश के 6 जिलों के हजारों लोगों ने छोड़ा गांव, मचा हडक़ंप, देखें वीडियो
आरोपियों ने बताई अपनी प्लानिंग
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल लिया और घटना के बारे में और जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि 2 सितंबर को तरुण जाटव और रितेश दाहिया ने ओम गोस्वामी से शराब पीने के लिए पैसे मांगे थे। ओम गोस्वामी ने उन्हें पैसे देने से मन किया तो उन्होंने ओम को चाक़ू मारकर घायल कर दिया। पीड़ित ओम गोस्वामी ने इसकी शिकायत पुलिस थाने में भी की थी। इस रिपोर्ट को वापस लेने के लिए तरुण और रितेश ने दो और लोगों को अपने साथ मिलाया जिनके नाम आकाश विश्वकर्मा और मोनू ठाकुर था। यह भी पढ़े – आर्मी ट्रेन को बम से उड़ाने की साजिश : धमाकों के बीच से गुजरी रेल, जांच में जुटी NIA और ATS