पहले जैसी मांग नहीं रही
एक घरेलू विमान के कंपनी के संचालक के मुताबिक पिछले चुनावों में उनके दो दर्जन से अधिक प्राइवेट जेट बुक हुए थे। इस बार हालात पूरी तरह बदले हुए हैं। बिहार विधानसभा चुनाव में अभी तक एक भी विमान बुक नहीं हुआ है। हालांकि इस सबके बीच चुनावी प्रचार के लिए कुछ हवाई सेवाओं की कवायद शुरु हुई है, किन्तु वह अपेक्षा के अनुरूप नहीं है। पटना एयरपोर्ट पर रविवार को छह हेलीकॉप्टर पहुंच गये। मंगलवार से इनकी उड़ान शुरू होगी। इनमें पांच भाजपा का जबकि एक जदयू का है। इन छह में से एक सिंगल इंजन और बाकी सभी हेलीकॉप्टर डबल इंजन वाले हैं।
और हेलीकॉप्टर्स पहुंचने की संभावना
अगले चार-पांच दिनों में चार-पांच हेलीकॉप्टरों के और पटना पहुंचने की संभावना है। इनमें कांग्रेस, राजद, जनाधिकार पार्टी, लोजपा और मुकेश साहनी जैसे निर्दलीय प्रत्याशियों के हेलीकॉप्टर शामिल होंगे। नौ-10 अक्तूबर तक इनकी संख्या नौ-10 हो जायेगी और उसी के साथ हेलीकॉप्टरों की उड़ान में तेजी आ जायेगी। इसके विपरीत प्राइवेट जेट की अभी की बुकिंग की अभी तक सूचना नहीं है। इसकी प्रमुख वजह यह भी मानी जा रही है कि हेलकॉप्टर के लिए उतरना और उडऩा आसान है। हेलीपेड भी आसानी से तैयार किए जा सकते हैं, जबकि निजी जेट के लिए रनवे की जरूरत होती है। इसलिए मांग अभी तक हेलीकॉप्टर्स की ही बनी हुई है। हालांकि हेलीकॉप्टर की तुलना में निजी जेट विमानों में सुविधाएं ज्यादा होती, किन्तु आवागमन की सुगमता और किराया उनकी बुकिंग नहीं होने का भी एक प्रमुख कारण है।