कासगंज

नवरात्री 2024: इस मंदिर में आज भी महाभारत के अश्वत्थामा करते हैं पूजा! जानिए क्या है रहस्य 

उत्तर प्रदेश के कासगंज से 40 किमी दूर भगवती पाटला देवी का एक प्राचीन मंदिर स्थित है। कहा जाता है कि इस मंदिर में आज भी द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा मां भगवती की पूजा अर्चना करने आते हैं।

कासगंजOct 08, 2024 / 01:23 pm

Swati Tiwari

देशभर में ऐसे कई मंदिर हैं जिसके इतिहास के बारे में लोगों को आज तक नहीं पता, लेकिन उन मंदिरों से लोगों की खास आस्था जुड़ी है। आज हम आपको उत्तर प्रदेश के एक रहस्यमयी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में आज भी द्रोणाचार्य के पुत्र मां भगवती की पूजा-अर्चना करने आते हैं। 

क्या है इस मंदिर का रहस्य? 

उत्तर प्रदेश के कासगंज से 40 किमी दूर भगवती पाटला देवी का एक प्राचीन मंदिर स्थित है। इस मंदिर की स्थापना पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य ने अपने हाथों से की थी। कहते हैं कि इस मंदिर में आज भी अश्वत्थामा पूजा करने आते हैं। माना जाता है कि अश्वत्थामा अमर हैं। महाभारत के युद्ध के समाप्त होने के बाद कौरवों की ओर से सिर्फ तीन योद्धा ही बचे थे कृप, कृतवर्मा और अश्वत्थामा। इनमें से अश्वत्थामा के जीवित होने के अभी भी चर्चे होते हैं। कई बार लोगों ने अश्वत्थामा को अलग-अलग जगहों पर देखे जाने का दावा किया है। 
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दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं भक्त 

माता दुर्गा को भगवान शिव की पत्नी माता पार्वती जी का ही एक स्वरूप माना जाता है। मां दुर्गा के करीब 108 स्वरूप हैं, जिसमें से एक माता पाटलावती भी हैं। माता पाटलावती को प्रसन्न करने के लिए गुलाब के फूल और लाल रंग की चीजें चढ़ाना शुभ माना जाता है। कहते हैं जो भी इस मंदिर में भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। दूर-दूर से लोग इस मंदिर में माथा टेकने आते हैं, नवरात्रि के दौरान यहां पर अच्छी भीड़ देखने को मिलती है। 

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