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ये है पूरा मामलापूरा मामला फर्जी बीएड डिग्री का है। वर्ष 2017 में एसआइटी को डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में पांच हजार फर्जी बीएड डिग्री बनाए जाने की जानकारी मिली थी। जानकारी के मुताबिक ये मार्कशीट्स वर्ष 2004 से लेकर 2006 बीच बनायी गई थीं। इसके बाद मामले की जांच की गई और जनवरी 2018 में इसकी रिपोर्ट दी गई। इस रिपोर्ट को संबंधित जिलों में भेजकर वहां 2004 से लेकर 2006 के दौरान बीएड करने वाले शिक्षकों की जांच के निर्देश दिए गए। निर्देश के आधार पर उस दौरान बीएड करने वाले शिक्षकों से उनके दस्तावेजों को सत्यापन मांगा गया। ऐसे में तमाम शिक्षक अपने दस्तावेजों को सत्यापित नहीं कर सके। दस्तावेज सत्यापित न कर पाने वाले शिक्षकों की एक सूची बनायी गई और उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए। इस मामले में फिरोजाबाद, मथुरा और आगरा में पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है। इसी कड़ी में अब कासगंज के 90 शिक्षकों पर गाज गिरी है। सभी को बर्खास्त कर उनके खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए गए हैं।