उच्च नमी वाले धान की खरीद चावल के दाने के नुकसान प्रतिशत में वृद्धि के जोखिम से भरा हुआ है। साथ ही दाने के सिकुड़ने, काले पड़ने, रंग बदलने और इसके संक्रमण की चपेट में आने का खतरा बन जाएगा। इससे खरीद केंद्रों पर अस्वीकृति हो सकती है और धान की बिक्री में परेशानी होगी और इसके परिणामस्वरूप किसानों को नुकसान होगा। 10 दिनों की अवधि के बाद यानी उचित परिपक्वता के बाद धान की फसल की कटाई करना बेहतर होगा, तब तक धान के दाने में नमी की समस्या दूर हो जाएगी।
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इसके अतिरिक्त पंजाब और हरियाणा राज्य सरकारों से भी अनुरोध किया गया है कि वे अपनी एजेंसियों को पहले से आ चुके धान को सुखाने के लिए सलाह दें और आगे की उपज को उचित तरीके से सुखाने के बाद मंडी में लाया जा सकता है। यह भी पढ़ें