व्यापार मंडल अध्यक्ष रामगोपाल गर्ग ने बताया कि कृषि उपज मंडी में इन दिनों सरसों की बंपर आवक होने से सीजन चल रहा है। इस बीच ट्रक यूनियन हिण्डौन से जुड़े लोगों के द्वारा मंडी से वाहनों को लोड नहीं करने दिया जा रहा। साथ ही व्यापारियों पर यूनियन से ही गाड़ी लेने के लिए अनाधिकृत रूप से दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मंडी व्यापार मंडल ट्रक यूनियन से वाहन लेने के लिए किसी भी तरह से बाध्य नहीं है।
फिर भी ट्रक यूनियन से जुड़े लोगों द्वारा कृषि उपज मंडी से जींस से भरी बोरियों को लेकर जा रहे ट्रकों को रास्ते में रोक कर चालकों से मारपीट करने की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। गत दिवस दो व्यापारियों के कृषि जिंसो से भरे ट्रकों को महू के आसपास ट्रक यूनियन से जुड़े लोगों ने रोक लिया, और चालकों के साथ मारपीट की गई।
व्यापारियों का कहना है कि बीते 25 वर्षों से मंडी व्यापार मंडल ट्रक यूनियन से पृथक काम करता आ रहा है। व्यापारियों द्वारा अपने स्तर पर वाहन मंगाए जाते हैं, और कृषि जिंसों से भरे कट्टो का लदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि जब तक पुलिस और प्रशासन द्वारा ट्रक यूनियन से जुड़े लोगों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक कृषि उपज मंडी मेें नीलामी बंद रखी जाएगी। इधर मामला तूल पकड़ता देख नई मंडी थाने की पुलिस मंडी समिति कार्यालय पहुंची। जहां एएसआई प्रतापसिंह ने कार्मिक और व्यापारियों के साथ किसानों से भी घटनाक्रम की जानकारी ली।
600 किसान लेकर आए 18 हजार कट्टा सरसों–
मंडी सूत्रों के अनुसार इस समय सरसों की बंपर आवक हो रही है। बुधवार को भी मंडी में करीब 600 किसान लगभग 1800 कट्टा सरसों को बेचान के लिए लेकर आए थे। प्रतिदिन की भांति किसानों ने मंडी यार्ड के ए, बी, सी व पी ब्लॉक में व्यापारियों की दुकानों के सामने अपने-अपने जिंस की ढेरी लगा दी।
मंडी सूत्रों के अनुसार इस समय सरसों की बंपर आवक हो रही है। बुधवार को भी मंडी में करीब 600 किसान लगभग 1800 कट्टा सरसों को बेचान के लिए लेकर आए थे। प्रतिदिन की भांति किसानों ने मंडी यार्ड के ए, बी, सी व पी ब्लॉक में व्यापारियों की दुकानों के सामने अपने-अपने जिंस की ढेरी लगा दी।
लेकिन व्यापारियों ने ट्रक यूनियन द्वारा वाहनों को लेकर बनाए जा रहे अर्नगल दबाव और चालकों से मारपीट की घटना के विरोध में नीलामी शुरु करने से मना कर दिया। मंडी समिति सचिव राजेश कर्दम व नीलामी प्रभारी वीरेन्द्र डागुर, पुष्पेन्द्र शर्मा ने समझाइश भी की, लेकिन व्यापारी राजी नहीं हुए। दिनभर इंतजार के बावजूद नीलामी आरंभ नहीं होने पर किसान बेचने के लिए लाई गई उपज को समेट कर वापस अपने घर ले गए। इससे उन्हें वाहनों के भाड़े के रुप में दोहरी मार झेलनी पड़ी।