इस जंग में शिकार की जीत हुई और चरवाहा नदी से बाहर निकल आया। हालांकि चरावाहा घायल हो गया है। अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है, उसके पैर में गंभीर चोट लगी है। मौत के मुंह से बाहर निकलने के बाद उसने नदी के अंदर की खौफनाक कहानी सुनाई है।
करौली जिले के करणपुर में चंबल नदी के किनारे 10 फुट लंबे एक मगरमच्छ के साथ एक चरवाहे की जीवन संघर्ष की आश्चर्यजनक घटना सामने आई है। कैमोखरी गांव निवासी 58 साल के मोतीलाल नाथ नदी किनारे गूलर घाट पर बकरियां चराते हुए पानी पीने के लिए नदी किनारे गए, जहां पहले से ही घात लगाकर बैठे मगरमच्छ ने उनका एक पैर जबड़े में पकड़ लिया और उसको पानी के अंदर खींच ले गया।
चरवाहा मोतीलाल नाथ ने बताया कि एक बार तो उन्हें लगा कि अब वह नहीं बचेंगे लेकिन उन्होंने मगरमच्छ के जबड़े को ऊपर और नीचे से खींच कर चौड़ा कर छूटने के प्रयास के साथ उसके मुंह पर मुक्के मारे। इस दौरान मगरमच्छ के नुकीले दांत हाथ और पैरों में चुभते रहे।
इसी दौरान उनकी अंगुली मगरमच्छ की आंख में लगने से मगरमच्छ की पकड़ ढीली होते ही वह छूट कर भागा। मगरमच्छ के भागते ही वह नदी से बाहर निकल गए और चिल्लाकर दूसरे लोगों को बुलाने लगे।