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Rajasthan News : किसानों के लिए खुशखबरी, इस जिले में खुलेंगी 4 सॉयल टेस्टिंग लैब

किसानों को अब अपने खेत की मिट्टी के मिजाज का पता लगाना अब और भी आसान होगा। उन्हें अब जिला मुख्यालय की मृदा परीक्षण प्रयोगशाला जाने से निजात मिल सकेगी।

करौलीJan 31, 2024 / 11:05 am

Kirti Verma

Soil Testing Lab : किसानों को अब अपने खेत की मिट्टी के मिजाज का पता लगाना अब और भी आसान होगा। उन्हें अब जिला मुख्यालय की मृदा परीक्षण प्रयोगशाला जाने से निजात मिल सकेगी। कृषि विभाग की ओर से इसके लिए जिले में पंचायत समिति स्तर पर चार सॉयल टेस्टिंग लैब खोली जाएंगी।

केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) में सॉयल हेल्थ एवं फर्टिलिटी के तहत के सेहतमंद फसल और अधिक उपज के लिए मिट्टी के मिजाज का बेस तैयार किया जा रहा है। जिसके आधार पर फसलों में पौषक तत्वों की नियत मात्रा वाली उर्वरकों का प्रयोग सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक किसान के खेत की मिट्टी के मिजाज की लगातार तीन वर्ष तक जांच की जाएगी। जिले के डेढ़ लाख से अधिक किसानों की खेतों की मिट्टी के नमूनों की जांच के लिए मण्डरायल, मासलपुर, सपोटरा, श्रीमहावीरजी पंचायत समिति मुख्यालय पर विलेज लेबल सॉइल टेस्टिंग लैब (वीएलएसटीएल) खोली जाएंगी। कृषि विभाग ने इसकी कवायद शुरू कर कम्प्यूटर में दक्ष युवाओं व स्वयं सहायता समूह, कृषक उत्पादक समूह, प्राथमिक कृषि साख समितियों से आवेदन मांगे हैं।

प्रत्येक लैब में होगी 3 हजार नमूनों की जांच
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में ब्लॉक स्तर पर स्थापित वीएलएसटीएल में प्रति वर्ष 3हजार मिट्टी के नमूनों की जांच की जाएगी। चारों लैब में प्रति वर्ष 12 हजार किसानों के खेतों की मिट्टी के मिजाज कर पड़ताल हो सकेगी। इसे लिए लैब संचालक को सरकार से प्रति नमूना जांच की दर से 300 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगा। वहीं अतिरिक्त 500 नमूनों की जांच राशि 20 रुपए प्रति नमूना देय होगा। जबकि सामान्य तौर पर मिट्टी की जांच के लिए किसान को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क राशि 5 रुपये प्रति नमूना देना होगा।

यूं मिलेगा फायदा
पंचायत समिति स्तर पर मृदा जांच प्रयोगशाला खुलने के बाद किसानों को काफी राहत मिलेगी। वर्तमान में जिला मुख्यालय में ही यह प्रयोगशाला बनी हुई है। जबकि हिण्डौन में प्रयोगशाला कार्मिकों के अभाव में बंद पड़ी है। ऐसे निजी लैबों में भी सरकारी योजना के तहत मिट्टी के नमूनों की जांच हो सकेगी।

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फैक्ट फाइल
जिले में किसान 1.52 लाख
जिले में कृषि भूमि 2.12 लाख हैक्टेयर
सिंचित भूमि 70 प्रतिशत
असिंचित भूमि 30 प्रतिशत
जिले में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला – 2 (एक बंद)


मृदा परीक्षण प्रयोगशाला करौली के कृषि अनुसंधान अधिकारी (रसायन) धीरेंद्र सिंह ने बताया कि वर्ष जिले को 12 हजार मिट्टी के नमूनों की जांच करने का लक्ष्य मिला है। इसमें 7 हजार नमूने केन्द्र सरकार व 5 हजार नमूने राज्य सरकार की कृषि विकास योजना के तहत नि:शुल्क जांच किए जाएंगे। वीएलएसटीएल के कार्मिक खेतों में पहुंच स्वयं नमूने संकलित करेंगे।

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लगातार तीन वर्ष तक नमूनों की जांच कर गांव, जिला और प्रदेश में मिट्टी के मिजाज को बेस तैयार किया जाएगा। ताकि नियत मात्रा में उर्वरक का प्रयोग से सेहतमंद फसल के साथ अधिक उपज प्राप्त की जा सके। इसके लिए जिले में चार मृदा परीक्षण प्रयोगशालाए खोली जा रही हैं।
वीडी शर्मा, संयुक्त निदेशक कृषि विभाग करौली

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