दसअसल राजस्थान पत्रिका ने मंगलवार को ‘दो बार बढ़ी अवधि फिर भी चार साल में अधरझूल में सीवरेज’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर निर्माण की मंथर चाल को उजागर किया था। समाचार प्रकाशित होने के बाद उपखण्उ प्रशासन ने कार्य में देरी को गंभीरता से लिया। इस संबंध में एसडीएम ने बुधवार को सीवरेज निर्माण एजेंसी व इससे सम्बद्ध विभागों के अधिकारियों की बैठक ले अब तक हुए कार्य की समीक्षा की। साथ ही मापदण्ड के अनुसार निर्धारित अवधि में कार्य पूरा करने के निर्देश दिए।
एसडीएम ने बताया कि अमृत योजना के तहत 117 करोड़ 82 लाख रुपए की लागत से शहर में सीवर लाइन का कार्य 28 मार्च 2017 को आरंभ हुआ था, जो दो वर्ष में (27 मार्च 2019 को) पूरा होना था। लेकिन निर्माण करा रही लार्सन एण्ड टर्बो (एल एण्ड टी) कम्पनी की लापरवाही से चार वर्ष बाद भी कार्य अधूरा पड़ा हुआ है, जो शहरवासियों के लिए मुसीबत बना है। एसडीएम ने कहा कि सीवर लाइन के ओवरफ्लो होने की शिकायतें लगातार आ रहीं है। इसलिए जेटिंग मशीन से सीवर लाइन की सफाई कराई जाए। जिससे लोगों को राहत मिल सके।
उन्होंने सीवरेज कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत करने के निर्देश दिए। साथ ही नगरपरिषद आयुक्त को एलएण्डटी का बकाया भुगतान करने के लिए निर्देशित किया। बैठक में नगरपरिषद के सहायक अभियंता महेन्द्र जाटव ने बताया कि नाले की पुलिया के पास स्थित विद्युत ट्रांसफार्मर सीवरेज निर्माण में अवरोधक बना हुआ है। इस पर एसडीएम ने मौके पर ही बिजली निगम के सहायक अभियंता केके शर्मा को सात दिवस में ट्रांसफार्मर को अन्यत्र शिफ्ट कराने के निर्देश दिए। 15 नवम्बर तक करना होगा
सीवरेज का पूरा काम- बैठक में एसडीएम ने स्पष्ट तौर पर कहा कि लार्सन एण्ड टर्बो (एल एण्ड टी) कम्पनी की समयावधिक दो बार बढाई जा चुकी है। लेकिन अब 15 नवम्बर 2021 तक सीवर लाइन का काम पूरा करना होगा। इसके लिए एसडीएम ने कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर को पाबंद किया। साथ ही कहा कि अब अगर काम में देरी हुई तो जुर्माना ही नहीं, बल्कि फर्म के खिलाफ अप्रत्याशित कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान नगरपरिषद आयुक्त कीर्ति कुमारी कुमावत, सहायक अभियंता महेन्द्र जाटव, एलएण्डटी के प्रोजेक्ट मैनेजर कार्तिकेत, विद्युत निगम के सहायक अभियंता केके शर्मा, सफाई निरीक्षक खलीक अहमद, पूजा बंशीवाल, दीनदयाल आदि मौजूद थे।