ग्रामीणों ने बताया कि रोडवेज बस के अभाव में 20 गांवों की करीब 50 हजार आबादी को परेशानी हो रही है। निजी वाहनों में सफर करना पड़ता है। जिससे अधिक किराया देना पड़ता है। ओवरलोड वाहनों में सफर करना पड़ता है। निजी बस चालक, जीप चालक आदि मनमानी करते हैं। इधर, मामले में रोडवेज डिपो के मुख्य प्रबंधक गजानंद जांगिड़ ने बताया कि ग्रामीणों की मांग पर रूट का सर्वे कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।