उन्हें लगातार वेतन भी उप प्राचार्य का ही दिया जा रहा है तथा काउंसलिंग कार्यक्रम अप्रेल 2023 में जारी किया गया, जिस पर वरिष्ठता को लेकर मई 2023 में जोधपुर उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन दे दिया गया। विभाग की कमजोर पैरवी के कारण अब तक स्थगन बरकरार है। ज्ञापन में स्थगन का निस्तारण कराकर उप प्राचार्य व प्राचार्य डीपीसी संपन्न कराने की मांग की गई है।
इसी प्रकार राजस्थान के सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन लागू है, जबकि पिछले दिनों भारत सरकार ने एनपीएस के स्थान पर यूपीएस को लागू किया, जिसमें भी कर्मचारियों के वेतन से 10 प्रतिशत वेतन कटौती होगी, जो कर्मचारी को स्वीकार योग्य नहीं है। अगर राजस्थान में पुरानी पेंशन से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ हुई तो कर्मचारियों द्वारा मजबूर होकर आंदोलन किया जाएगा।
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ज्ञापन में खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने और तत्कालीन सरकार द्वारा की गई वेतन कटौती वापस लेने, प्रदेश में क्रमोन्नत किए गए 3280 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में व्यायाताओं के पद सृजित करने, उपप्राचार्य, प्राचार्य पद की तीन संतान प्रकरणों की लंबित डीपीसी का निस्तारण करने, चार वर्ष से बकाया व्यायाता पद की डीपीसी कराने, शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त रखने आदि मांगें की गई हैं। ज्ञापन में चेतावनी दी है कि यदि मांगे पूरी नहीं हुई तो संगठन की ओर से आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान रेसला ब्लॉक सभाध्यक्ष मुकेश कुमार शर्मा, रेसला ब्लॉक अध्यक्ष गिर्राज प्रसाद मीना, महामंत्री जवाहर सिंह गुर्जर, विजय कुमार गुप्ता, ओमप्रकाश जाटव, अनिल कुमार गौड़, रंजीत, दीपक, रजनीश शर्मा, हेमराज, फूल सिंह, रामगिलास जाटव, विद्याराम, रामसिंह, राजेंद्र मीना आगर्री उपस्थित रहे।