शनिवार शाम करीब छह बजे मजदूरी के कार्य के बाद मोटरसाइकिल से चंबल नदी पहुंचे थे। इस दौरान नहाने के लिए नदी में उतर गए। नदी में पानी अधिक होने से एक साथी गहरे पानी में चला गया। इस दौरान दूसरे ने उसे बचाने के लिए नदी में छलांग लगा दी। जिससे दोनों ही गहरे पानी में चले गए और डूबने से उनकी मौत हो गई। जिनके शव रविवार सुबह मिले।
गरीब परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
मजदूर विसन जाटव के पिता भरोसी जाटव लंबे समय से बीमार चल रहे हैं। जिनकी दवा खरीद घर पर रखकर विसन मजदूरी के लिए निकला था। विसन जाटव के एक 6 वर्षीय बेटा योगेश तथा 3 वर्षीय बेटी मल्लो बाई है। इन दिनों पत्नी मिथलेशबाई गर्भवती है। विसन की मौत से गरीब परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। उसकी पत्नी ने बताया कि घर में कमाने वाला भी कोई नहीं है।गोताखोरों की मदद से निकाले शव
चंबल नदी में दूसरी तरफ मौजूद कुछ महिलाओं ने बताया कि नदी में दोनों मजदूरों के नहाने के लिए जाने के बाद कुछ देर उनमें से कोई भी दिखाई नहीं दिया। जिसके बाद उन्होंने उनके नदी में डूबने की आशंका जताकर शोर मचाया। जिसके बाद आसपास के ग्रामीण उनकी तलाश के लिए नदी की ओर दौड़े। उन्होंने दोनों को तलाश किया, लेकिन अंधेरा होने के कारण उनका कुछ पता नहीं चला। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद तहसीलदार सुरेन्द्र आर्य, नायब तहसीलदार महेंद्र कुमार गुप्ता को भी घटना से अवगत कराया गया। पुलिस के जवान रात के अंधेरे में मौके पर ही डटे रहे। रविवार सुबह गोताखोरों की मदद से युवकों की तलाश शुरू की गई। करीब 13 घंटे बाद रविवार सुबह 8 बजे घटना स्थल से कुछ आगे नदी में सुमेर जाटव का शव दिखाई दिया। जिसे गोताखोरों ने निकाला। इसके बाद उसे दूसरे साथी की भी तलाश जारी रही। करीब 11 बजे विसन जाटव का शव भी गोताखोरों ने नदी से निकाल लिया। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने उपजिला अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।