करौली

टाइगर के मूवमेंट से ग्रामीणों में फैली दहशत, मिले पगमार्क

मासलपुर तहसील क्षेत्र के महुआ खेड़ा नाका के गोढेर वन क्षेत्र में टाइगर के मूवमेंट से दहशत फैली है। वन विभाग के अधिकारियों ने टाइगर के पगमार्क जुटाने के बाद इसके टी-132 होने की पुष्टि की है।

करौलीDec 05, 2022 / 05:28 pm

Kamlesh Sharma

मासलपुर तहसील क्षेत्र के महुआ खेड़ा नाका के गोढेर वन क्षेत्र में टाइगर के मूवमेंट से दहशत फैली है। वन विभाग के अधिकारियों ने टाइगर के पगमार्क जुटाने के बाद इसके टी-132 होने की पुष्टि की है।

करौली/मासलपुर। मासलपुर तहसील क्षेत्र के महुआ खेड़ा नाका के गोढेर वन क्षेत्र में टाइगर के मूवमेंट से दहशत फैली है। वन विभाग के अधिकारियों ने टाइगर के पगमार्क जुटाने के बाद इसके टी-132 होने की पुष्टि की है। टाइगर ने एक गाय का भी शिकार किया है। क्षेत्र में टाइगर के विचरण करने की सूचना से ग्रामीणों में डर का माहौल है। वहीं वन विभाग की टीम टाइगर की ट्रेकिंग करने में जुटी है।

शनिवार को खेड़ा गांव के समीप के जंगलों में टाइगर के विचरण करने की जानकारी मिली थी, जहां से वन विभाग के कार्मिकों को उसके पगमार्क भी मिले। इसके बाद रविवार को सुबह टाइगर का मूवमेंट धौलपुर जिले की सीमा के पास जंगलों में मिला, जहां से भी टाइगर के पगमार्क मिले हैं।

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क्षेत्रीय वन अधिकारी रमेश चन्द मीणा ने बताया कि इलाके में टाइगर के मूवमेंट की सूचना मिली। इसके बाद उसके पगमार्क भी मिले हैं। जिनके आधार पर टी-132 होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि टाइगर को ट्रैक करने के प्रयास किए जा रहे हैं। वन विभाग की टीमें लगातार टाइगर के मूवमेंट पर नजर बनाए हुए हैं। क्षेत्रीय वन अधिकारी ने लोगों से सचेत रहने को कहा है।

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तीन वर्ष पहले भी रहा था मूवमेंट
गौरतलब है कि करीब सवा तीन वर्ष पहले अगस्त 2019 में भी मासलपुर इलाके के गांवों में टाइगर ने दहशत फैलाई थी। उस समय करीब 12 दिन तक टाइगर करौली जिला मुख्यालय सहित इलाके में विचरण करता रहा था। वन विभाग की टीम ने उस समय टाइगर को ट्रेंकुलाइज करने के लिए लगातार प्रयास किए थे। उस समय 12 दिन बाद वन विभाग की टीम टाइगर को मासलपुर इलाके की ठेकरा गौशाला के समीप एक नाले में ट्रेंकुलाइज कर सकी थी। वह टाइगर सवाईमाधोपुर के रणथम्भौर अभयारण्य का टी-104 था। ट्रंकुलाइज करने के बाद उसे सवाईमाधोपुर वन्यजीव अभयारण्य ले जाया गया था।

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