पद्मावती और राजपूतों के इतिहास से छेड़छाड के आरोपों पर चला आ रहा विवाद मंगलवार को अचानक समझौते की ओर मुड़ गया। करणी सेना व अन्य राजपूत संगठनों से जुड़े लोगों ने नोएडा में भंसाली का आमंत्रण स्वीकारते हुए ये फिल्म रिलीज होने से पहले ही देख ली। करणी सेना के समर्थकों ने करौली में पत्रिका को बताया कि हमारे पदाधिकारियों ने इस फिल्म को अच्छी बताया है, लेकिन यदि गलत फैक्ट्स दिखाए गए तो सिनेमाघरों में आग लगा देंगे और भारत बंद भी हो सकता है।
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इससे पहले राजस्थान के विभिन्न इलाकों में करणी सेना व आमजन अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरा। हंगामा व तोड़फोड की घटनाएं भी हुईं। मगर अब करणी सेना के प्रवक्ताओं ने कहा है कि उन्हें नोएडा में फिल्म दिखाई गई. इसके बाद मीडिएटर की भूमिका निभा रहे सुदर्शन न्यूज के सुरेश चवहांके ने कहा कि फिल्म में राजपूतों की आपत्तियों को दूर किया गया है। साथ ही अलाउद्दीन खिलजी के साथ पद्मावती का कोई सीन नहीं है।
इससे पहले राजस्थान के विभिन्न इलाकों में करणी सेना व आमजन अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरा। हंगामा व तोड़फोड की घटनाएं भी हुईं। मगर अब करणी सेना के प्रवक्ताओं ने कहा है कि उन्हें नोएडा में फिल्म दिखाई गई. इसके बाद मीडिएटर की भूमिका निभा रहे सुदर्शन न्यूज के सुरेश चवहांके ने कहा कि फिल्म में राजपूतों की आपत्तियों को दूर किया गया है। साथ ही अलाउद्दीन खिलजी के साथ पद्मावती का कोई सीन नहीं है।
वहीं, राजपूत करणी सेना, राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना, हिन्दू युवा वाहिनी के पदाधिकारी शिवराम सिंह फतेहपुर, सोनू सिंह महौली, अन्नू बना, प्रदेश महासचिव करणी सेना अनुराग पाल, पूर्वयुवा मोर्चा अध्यक्ष उत्तम सिंह एवं शिभम सिंह, हिन्दू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष पुष्पेन्द्र मुद्गल ने कहा कि कालवी तभी फिल्म पर सहमति देंगे जब वे भी देख लेंगे।