करौली

यहां के स्कूलों में दूध वितरण योजना बंद होने के कगार पर

राज्य के सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं के पोषण को स्वीकृत की गई दूध वितरण योजना बजट के अभाव में खटास में बदल गई है, जिससे स्कूलों में दूध वितरण बंद होने के कगार पर है।

करौलीJul 23, 2019 / 06:40 pm

vinod sharma

यहां के स्कूलों में दूध वितरण योजना बंद होने के कगार पर


करौली. राज्य के सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं के पोषण को स्वीकृत की गई दूध वितरण योजना बजट के अभाव में खटास में बदल गई है, जिससे स्कूलों में दूध वितरण बंद होने के कगार पर है। राज्य की भाजपा सरकार ने अपने अंतिम कार्यकाल के समय में दूध वितरण योजना शुरू की। इसके लिए स्कूलों में बजट का आवंटन कर दिया। योजना के तहत प्रत्येक विद्यार्थी को एक गिलास दूध दिया जाता है। लेकिन फरवरी माह के बाद अब स्कूलों में दूध वितरण का बजट नहीं पहुंचा है। सूत्रों ने बताया कि जिले में लगभग 1400 स्कूलों में दूध का वितरण होता है। लेकिन इन्हें बजट नहीं मिल रहा है। बजट के अभाव में स्कूलों में उधारी में दूध लेकर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। अनेक स्कूलों के संस्थाप्रधानों ने जल्द ही बजट नहीं मिलने पर योजना को बंद करने की चेतावनी तक दे डाली है।
3 करोड़ 70 लाख की जरूरत
दूध वितरण योजना में करौली जिले के स्कूलों में भुगतान को 3 करोड़ ७० लाख रुपए की जरूरत तत्काल रूप से है। इस राशि का आवंटन होने पर शिक्षक अपनी उधारी को चुका सकेंगे। इस बारे में स्कूलों के मिड डे मिल प्रभारियों ने जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक व प्रारम्भिक को अवगत कराके भुगतान की मांग की। लेकिन बजट जारी नहीं किया गया है। जिससे स्कूलों की उधारी लगातार बढ़ती जा रही है।
गांव में 34, शहर में ४०
दूध वितरण योजना के तहत एक लीटर दूध का भुगतान गांव व शहरों के स्कूलों के लिए अलग-अलग है। गांवों के स्कूलों के लिए ३५ रुपए लीटर तथा शहरों में ४० रुपए प्रति लीटर के हिसाब से भुगतान किया जाना है। योजना के नियमों के अनुसार डेयरी, अन्नपूर्णा सहकारी समिति व दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति के माध्यम से स्कूलों में दूध खरीदा जाना है।
जल्द भुगतान कराएंगे
दूध वितरण का भुगतान जल्द कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसकी पत्रावली चल रही है।
कल्याण प्रसाद मीना जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक)
उधारी से परेशान
शिक्षक उधारी से दूध वितरण योजना का संचालन कर रहे हैं। दूध के विक्रेता रोजाना पैसे की मांग करते हैं। फिर भी शिक्षक योजना संचालित करने में लगे हुए हैं।
मुकेश सारस्वत राज्यपाल से पुरस्कृत शिक्षक
उदासीन रवैया
दूध वितरण योजना के प्रति विभाग के अधिकारियों का उदासीन रवैया है, जिससे भुगतान नहीं हो रहा है। मांग करने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ है।
अमर सिंह मीना जिलाध्यक्ष शिक्षक संघ (सियाराम)

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