पीड़िता के परिजनों ने बताया कि वो बच्चों के साथ नई मंडी थाना इलाके में किराए के मकान में रह दूध-डेयरी का काम करता है। 11 मई को सुबह करीब 10-11 बजे उसकी 10 वर्षीय मूक बधिर बालिका घर के पास रास्ते में झुलसी अवस्था में मिली। जिसे हिण्डौन के जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। जहां से उसे गंभीर हालत में जयपुर रैफर कर दिया। जिसकी सोमवार को जयपुर में उपचार के दौरान मौत हो गई।
घटना में पिता के ओर से नई मंडी थाने में अज्ञात लोगों द्वारा झुलसाने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। टोडाभीम एसडीएम सुनीता मीणा एवं पुलिस उपाधीक्षक मुरारीलाल मीना को सौंपे ज्ञापन में परिजनों ने दुष्कर्म की आशंका जताई है। उन्होंने बताया कि जयपुर में उपचार के दौरान मूक बधिर बालिका से एक्सपर्ट के माध्यम से पूछताछ की और कई लोगों के फोटो दिखा कर तथ्य संग्रहण करने के भी पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है। ज्ञापन सौंपने के बाद परिजनों ने मंगलवार को बालिका के शव की अंत्येष्टि कर दी।
सुराग के आधार पर एक हिरासत में
नई मंडी थाना के अधिकारी रामकिशन यादव ने बताया कि जयपुर में उपचार के दौरान एक्सपर्ट से जरिए मूक बधिक बालिका से मिले सुराग के आधार पर एक जने को हिरासत में लिया है। जिससे पूछताछ जारी है। बालिका के शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया। वहीं, मौके पर टीम बुलवा कर जले हुए कपड़ों को एफएसएल जांच के लिए भेजा है।
पीड़िता को न्याय के लिए सोशल मीडिया पर कैंपेन
इधर, पीड़िता को न्याय देने के लिए सोशल मीडिया पर भी कैंपेन चलाया जा रहा है। एक्स पर पीड़िता के अस्पताल में भर्ती होने के वीडियो खूब वायरल हो रहे है। यूजर्स ने पूछा कि हिंडौन सिटी में मूकबधिर आदिवासी नाबालिग बेटी का दरिंदो ने रेप कर शरीर को जला दिया, जिसकी 11 दिन बाद अस्पताल में मौत हो गई। इस घटना पर सरकार और पुलिस प्रशासन मौन क्यों है?