scriptओह मुख्यमंत्री जी, ये राजस्थान में ही वो नदी है जहां से निकलने को बच्चे ड्रम-देगची पर सवार हो पुल बनाते हैं | latest hindi news rajasthan karauli | Patrika News
करौली

ओह मुख्यमंत्री जी, ये राजस्थान में ही वो नदी है जहां से निकलने को बच्चे ड्रम-देगची पर सवार हो पुल बनाते हैं

कई बार लोग नदी में गिर भी गए। कई सारे चोटिल हुए, स्थानीय लोगों की जुबानी आर—पार जाने में महिला मर भी चुकी हैं..

करौलीFeb 04, 2018 / 11:27 pm

Vijay ram

latest hindi news rajasthan karauli
कितनी विड़ंबना है कि सरकार देश में डिजिटल इंडिया और चमचमाते हाइवे के सपने दिखाती है, बड़े—नए पुल तैराने के दावे करती है… मगर जहां आजादी के बाद से बच्चे—बूढ़े ड्रम—देगचियों से जान जोखिम में डाल नदी पार करते हों, वहां ब्रिज के लिए कुछ सौ करोड़ नहीं खर्च सकती।
राजस्थान पत्रिका यूं तो प्रदेशभर में बहुत सी तस्वीरें सरकार की पोल खोलने सामने ला देगा, मगर आज आपको दिखा रहा है करौली शहर से सटे उस स्थान को जो कहीं—गांव—ढाणी या आदिवासी एरिया भी तो नहीं, मगर फिर भी जैसे 100 साल पुराना हाल हो….. लोग नदी पार करने सदियों पहले जो जुगाड करते थे वही आज यहां देख सकते हैं। समस्या है कि करौली में भद्रावती नदी पर कोई ब्रिज ही नहींं है। बच्चों का रोज स्कूल आना जाना, खेती—बाडी करने वाले या ड्यूटी जाने वाले लोगों की प्रतिदिन की राह यहीं से। और वो भी ऐसे कि ड्रम, टोकरे, झूले और रस्सियों के सहारे।
कई बार लोग नदी में गिर भी गए। कई सारे चोटिल हुए, स्थानीय लोगों की जुबानी आर—पार जाने में महिला मर भी चुकी हैं। मगर, न किसी भाजपा और न कांग्रेसी सरकार ने इसका तोड़ निकाला। ऐसे में जबकि, राज्य की मुख्यमंत्री महिला हैं… उन्हें कुछ तो इन बेचारों के लिए करना चाहिए।
स्थानीय लोगों महेश कुमार, कार्तिक हेंब्रम, व कविता ने Www.patrika.com को बताया कि वे ड्रम पर तैरकर ये नदी पार करते हैं। सरकार चाहे कितना भी विकास का दावा करे, डिजिटल इंडिया के सपने दिखाए, लेकिन शायद उनकी नजर मासूम बच्चों पर नहीं जा रही है, जो अपनी जान जोखिम में डालकर रोज पढ़ने के लिए जाते हैं। ये रोजमर्रा की बात है, जब हम तैरते हुए ड्रम के सहारे नदी पार करते हैं।
गांव—कस्बे के हर छोटे बड़े सभी लोगों की जिंदगी में यह ड्रम नाव की भूमिका अदा कर रहा है। शहर के लोग भी यहां से निकलते हैं। हर रोज इसी जुगाड़ वाले ड्रमों के सहारे 22—25 मीटर चौड़ी और करीब 40 फीट से ज्यादा गहरी भद्रावती नदी को पार करते हैं। इसे पार करने में जोखिम इतना कि एक जरा सी चूक इन्हें गहरे पानी में डुबा सकती है। आठ दस ढाणियां हैं, जहां से जिला मुख्यालय तक पहुंचने का महज यही एक रास्ता है। ख़ास बात तो यह है की इसी जुगाड़ के सहारे छोटे-छोटे बच्चे हर रोज़ पढ़ने के लिए स्कूल जाते हैं, क्योंकि अच्छे स्कूल मुख्य शहर में ही हैं तो पढ़ाई के लिए बच्चे हर रोज इसी तरह से अपने स्कूल पहुंचते हैं।
जिम्मेदारों को तो अभी तक पता ही नहीं था…
इस समस्या का पता चला है। बगान टोला के रहवासियों को अस्थायी व्यवस्था के लिए ड्रम का नाव बनाकर उपलब्ध कराएंगे।
डी हांसदा, कार्मिक उप प्रबंधक, यूसिल जादूगोड़ा।
‘हमें कोई जानकारी नहीं”
ये समस्या है? हमें कोई जानकारी नहीं है। जल्द ही टीम भेजकर पूरी समस्या की जांच कराकर उसका समाधान किया जायेगा।
— अमित कुमार, उपायुक्त

Hindi News / Karauli / ओह मुख्यमंत्री जी, ये राजस्थान में ही वो नदी है जहां से निकलने को बच्चे ड्रम-देगची पर सवार हो पुल बनाते हैं

ट्रेंडिंग वीडियो