भंवरवाड़ा निवासी शहीद बने सिंह की पत्नी वीरांगना मनभर देवी ने बताया कि देश की रक्षा में सरहद पर उनके पति बनेसिंह कुर्बान हो गए। वे उनके जहन में आज भी जीवित हैं। जीवन में उनकी कमी खलती है, लेकिन वतन की राह में हुई शदाहत का सम्मान पूरे परिवार के लिए फक्र बनी है।
मां बड़े बेटे को भी बनाना चाहती हैं सैनिक
वीरांगना ने बताया कि वर्ष 1999 में
करगिल में पाकिस्तान से युद्ध चल रहा था। उनके पति पाकिस्तानी घुसपैठियों से लड़ते हुए बलिदान हो गए। उस दौरान दो बेटे महाराज सिंह व विक्रम सिंह व बेटी भारती व कश्मीरी सभी की उम्र 5-7 वर्ष से अधिक नहीं थी। लेकिन मनभर देवी ने हिम्मत व हौंसले से आगे बढ़ते हुए छोटे बेटे महाराज सिंह को अपने पति के नक्शेकदम पर आगे बढ़ा सेना में सिपाही बना दिया। बेटा राजपूत रेजीमेंट सिपाही के पद पर जम्मू में तैनात है। वहीं बड़ा बेटा भी जयपुर रहकर सेना भर्ती की तैयारी कर रहा है। बेटी कश्मीरी नादौती एसडीएम कार्यालय में पटवारी हैं। वीरांगना ने बताया कि कारगिल विजय दिवस के मौके पर वे शहीद के समान में स्मारक पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित करते हैं। जिनमें तिरंगा फहराने के बाद राष्ट्रगान गाते हैं।