कृषि उपज मंडी में पहली बार सरसों की तेज आवक होने लगी है। लेकिन सरसों की क्वालिटी जांच के लिए लैब की व्यवस्था नहीं है। इस कारण किसान करौली की मंडी से सरसों को गंगापुर सिटी लेकर जा रहे हैं।
करते हैं।
निजी स्तर पर लैब की कीमत १६ लाख रुपए के लगभग है तथा लैब को चलाने के लिए ऑपरेटर की जरूरत होती है। जबकि करौली की मंडी में फिलहाल जिंसों की अधिक आवक नहीं है। इस कारण स्थानीय स्तर पर व्यापारी लैब संचालित नहीं कर रहे हैं। व्यापारी तथा किसानों का कहना है कि सरकार के स्तर से जिला मुख्यालय की कृषि उपज मंडी में सरसों की जांच के लिए लैब स्वीकृत की जाए।
इससे डांग क्षेत्र के किसानों को फसल का उचित दाम मिल सकेंगे। किसानों को गंगापुरसिटी या हिण्डौन सिटी की मंडी में जाना नहीं पड़ेगा।
&लैब शुरू होने के बाद किसानों को फसल के अच्छे दाम मिलेंगे। अभी लैब के अभाव में अनेक किसानों जिसों को गंगापुरसिटी लेकर जाते हैं।
राजाराम किसान थडका पुरा भ्रम होगा दूर
&लैब से किसानों का भ्रम दूर होगा कि, उन्हें गंगापुरसिटी की मंडी में अधिक दाम मिलते है तथा करौली में कम। लैब सरकार के स्तर से जल्द लगाई जानी चाहिए।
राजाराम, निवासी तुलसीपुरा
&कृषि उपज मंडी के विकास के लिए लैब की तत्काल जरूरत है। क्योंकि लैब में जांच के बाद किसानों का भ्रम दूर होगा तथा मंडी में अधिक आवक होने से व्यापारियों को फायदा होगा।
मोहनलाल गुप्ता, व्यापारी मंडी समिति करौली
&लैब में सरसों की क्वालिटी जांच होने से व्यापारियों को फायदा होगा। अभी जांच की सुविधा नहीं होने से जिसों की कम संख्या में आवक हो रही है। जांच की व्यवस्था होने के पर बम्पर आवक होगी। इससे व्यापारियों को भी फायदा होगा।
प्रदीप कुमार गुप्ता व्यापारी