करौली. समुचित चिकित्सकीय सुविधाओं से महरूम करौली जिले के बाशिंदों को अब राहतभरी खबर आई है। करौली जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज भवन का निर्माण कार्य इसी माह से शुरू हो जाएगा।
इससे आगामी वर्षों में जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज की सौगात धरातल पर उतरकर मूर्त रूप लेगी, जिससे जिलेवासियों को उपचार की खातिर दूरदराज शहरों में जाने की मजबूरी से छुटकारा मिल सकेगा। सबकुछ ठीकठाक रहा तो अगले 18 माह में जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज का भवन बनकर तैयार हो जाएगा। कॉलेज भवन निर्माण के लिए टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है और संबंधित फर्म (संवेदक) को कार्यादेश भी जारी हो चुके हैं। राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेंट कारर्पोरेशन (आरएसआरडीसी) को निर्माण कार्य के लिए कार्यकारी एजेन्सी बनाया गया है। गौरतलब है कि करौली में करीब तीन वर्ष पहले मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति मिली थी।
इससे आगामी वर्षों में जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज की सौगात धरातल पर उतरकर मूर्त रूप लेगी, जिससे जिलेवासियों को उपचार की खातिर दूरदराज शहरों में जाने की मजबूरी से छुटकारा मिल सकेगा। सबकुछ ठीकठाक रहा तो अगले 18 माह में जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज का भवन बनकर तैयार हो जाएगा। कॉलेज भवन निर्माण के लिए टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है और संबंधित फर्म (संवेदक) को कार्यादेश भी जारी हो चुके हैं। राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेंट कारर्पोरेशन (आरएसआरडीसी) को निर्माण कार्य के लिए कार्यकारी एजेन्सी बनाया गया है। गौरतलब है कि करौली में करीब तीन वर्ष पहले मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति मिली थी।
सूत्रों के अनुसार केन्द्र व राज्य सरकार की संयुक्त भागीदारी में संचालित होने मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए फिलहाल 149.99 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। निविदा शर्तों के अनुसार संवेदक को 21 जुलाई 2022 से कार्य आरंभ कर जनवरी 2024 तक मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण का कार्य पूर्ण करना है। ऐसे में उम्मीद है कि इसी माह से भवन निर्माण का कार्य शुरू होगा।
75 बीघा भूमि है आवंटित
लम्बे इंतजार के बाद करौली में मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण की शुरूआत होगी। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से पूर्व में ही मण्डरायल मार्ग पर 75 बीघा भूमि का आवंटन किया जा चुका है।
पहले फेज में यह होंगे निर्माण कार्य
आरएसआरडीसी के सूत्रों ने बताया कि मण्डरायल मार्ग स्थित आवंटित भूमि पर कॉलेज निर्माण के प्रथम चरण में एकेडेमिक ब्लॉक, छात्र व छात्रा हॉस्टल, प्राचार्य आवास के अलावा टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ के लिए आवासों का निर्माण कराया जाएगा। इनके अलावा परिसर में स्पोट्र्स काम्पलेक्स का निर्माण भी होगा। यह कार्य पूरे होने के बाद यहां नियमित रूप से कक्षाएं लगना शुरू हो जाएंगी।
लम्बे इंतजार के बाद करौली में मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण की शुरूआत होगी। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से पूर्व में ही मण्डरायल मार्ग पर 75 बीघा भूमि का आवंटन किया जा चुका है।
पहले फेज में यह होंगे निर्माण कार्य
आरएसआरडीसी के सूत्रों ने बताया कि मण्डरायल मार्ग स्थित आवंटित भूमि पर कॉलेज निर्माण के प्रथम चरण में एकेडेमिक ब्लॉक, छात्र व छात्रा हॉस्टल, प्राचार्य आवास के अलावा टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ के लिए आवासों का निर्माण कराया जाएगा। इनके अलावा परिसर में स्पोट्र्स काम्पलेक्स का निर्माण भी होगा। यह कार्य पूरे होने के बाद यहां नियमित रूप से कक्षाएं लगना शुरू हो जाएंगी।
रोगियों को मिलेगी राहत
पिछड़े जिलों में शुमार करौली जिले का बड़ा हिस्सा डांग क्षेत्र है, जहां अभी तक समुचित चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है। इलाके में पत्थर खनन मजदूरों की प्रमुख रोजी-रोटी का जरिया है, जिससे इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में सिलिकोसिस/टयूबरकिलोसिस रोग से लोग पीडि़त हो जाते हैं। ऐसे में मेडिकल कॉलेज बनने से रोगियों को राहत मिलेगी। वर्तमान में जिला मुख्यालय पर 225 पलंगों का सामान्य चिकित्सालय संचालित है, जबकि रोगी भार को देखते हुए पलंग बढ़ाए जाने की दरकार है। इसका कारण यह है कि जिला मुख्यालय के अलावा करणपुर, सपोटरा, मण्डरायल, कुडग़ांव, मासलपुर, नादौती, हिण्डौन सहित धौलपुर जिले के बाड़ी, सरमथुरा, सवाईमाधोपुर जिले के गंगापुरसिटी सहित चम्बल नदी के उस पार मध्यप्रदेश की सीमा पर बसे सबलगढ़ इलाके तक के रोगी इसी अस्पताल में उपचार के लिए आते हैं। ऐसे में रोगी भार के मुकाबले चिकित्सा सुविधाएं बौनी नजर आती हैंं। मेडिकल कॉलेज के साथ ही चिकित्सालय भी 300 पलंगों का होगा, जिससे सुविधाओं में विस्तार होगा।
पिछड़े जिलों में शुमार करौली जिले का बड़ा हिस्सा डांग क्षेत्र है, जहां अभी तक समुचित चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है। इलाके में पत्थर खनन मजदूरों की प्रमुख रोजी-रोटी का जरिया है, जिससे इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में सिलिकोसिस/टयूबरकिलोसिस रोग से लोग पीडि़त हो जाते हैं। ऐसे में मेडिकल कॉलेज बनने से रोगियों को राहत मिलेगी। वर्तमान में जिला मुख्यालय पर 225 पलंगों का सामान्य चिकित्सालय संचालित है, जबकि रोगी भार को देखते हुए पलंग बढ़ाए जाने की दरकार है। इसका कारण यह है कि जिला मुख्यालय के अलावा करणपुर, सपोटरा, मण्डरायल, कुडग़ांव, मासलपुर, नादौती, हिण्डौन सहित धौलपुर जिले के बाड़ी, सरमथुरा, सवाईमाधोपुर जिले के गंगापुरसिटी सहित चम्बल नदी के उस पार मध्यप्रदेश की सीमा पर बसे सबलगढ़ इलाके तक के रोगी इसी अस्पताल में उपचार के लिए आते हैं। ऐसे में रोगी भार के मुकाबले चिकित्सा सुविधाएं बौनी नजर आती हैंं। मेडिकल कॉलेज के साथ ही चिकित्सालय भी 300 पलंगों का होगा, जिससे सुविधाओं में विस्तार होगा।
कार्यादेश जारी हो गए हैं
करौली में मेडिकल कॉलेज के लिए टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। 149.99 करोड़ रुपए का बजट फिलहाल स्वीकृत हुआ है। संबंधित संवेदक को कार्यादेश भी जारी हो चुके हैं। निविदा शर्तों के अनुसार 18 माह की अवधि में निर्माण कार्य पूर्ण होना है।
सियाराम चन्द्रावत, परियोजना अधिकारी
करौली में मेडिकल कॉलेज के लिए टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। 149.99 करोड़ रुपए का बजट फिलहाल स्वीकृत हुआ है। संबंधित संवेदक को कार्यादेश भी जारी हो चुके हैं। निविदा शर्तों के अनुसार 18 माह की अवधि में निर्माण कार्य पूर्ण होना है।
सियाराम चन्द्रावत, परियोजना अधिकारी
मेडिकल कॉलेज की टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद वर्कऑर्डर जारी हो चुके हैं। आरएसआरडीसी द्वारा कॉलेज का निर्माण कराया जाएगा।
डॉ. पूरणमल वर्मा, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, करौली
डॉ. पूरणमल वर्मा, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, करौली