भगवान के हिण्डौले की झांकी के दर्शनों की खातिर हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। प्रसिद्ध मदनमोहनजी मंदिर में हजारों लोग भगवान की झूला झांकी के दर्शन करने के लिए पहुंचे। सुबह से ही मंदिर में दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया। धीरे-धीरे श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती गई। इस बीच विभिन्न गांवों से श्रद्धालु कनकदण्डवत करते हुए भी मंदिर पहुंचे।
सुबह करीब 11 बजे जैसे ही भगवान की झूला की झांकी दर्शन के लिए पट खुले तो मंदिर प्रांगण बंशीवारे के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन कर खुशहाली की मनौती मांगी। इस मौके पर करौली जिले के सपोटरा, हिण्डौन, मण्डरायल, नादौती, टोडाभीम के अलावा धौलपुर के बाड़ी, बसेड़ी, धौलपुर, सवाईमाधोपुर जिले के गंगापुरसिटी, सवाईमाधोपुर, खण्डार सहित लालसोट आदि स्थानों से हजारों श्रद्धालु भगवान के दर्शनों को पहुंचे। सुबह के शाम गांव-कस्बों के लोगों की भीड़ रही, जबकि शाम को विशेष रूप से शहर के बाशिंदे भगवान के दर्शन करने पहुंचे। इधर मदनमोहनजी के अलावा शहर के नवलबिहारीजी, गोविन्ददेवजी आदि मंदिरों में भी भगवान की झूला झांकी सजाई गई।
भीड़ के चलते करनी पड़ी मशक्कत
भीड़ के मद्देनजर श्रद्धालुओं को नवलबिहारीजी मंदिर की ओर से मंदिर में प्रवेश के लिए निकाला गया, जबकि दर्शन करने के बाद संस्कृत स्कूल पुरानी नगरपालिका भवन वाले रास्ते से निकाला गया। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस जाप्ता तैनात रहा, लेकिन भीड़ के चलते उन्हें खूब मशक्कत करनी पड़ी। वहीं मंदिर में भी कार्मिक व्यवस्थाएं संभालने में जुटे रहे। इस दौरान कोरोना के चलते दर्शनार्थियों को मंदिर में रोक-रोककर प्रवेश दिया गया। तहसीलदार मदनलाल मीना भी पहुंचे और व्यवस्थाओं को देखा।
भीड़ के मद्देनजर श्रद्धालुओं को नवलबिहारीजी मंदिर की ओर से मंदिर में प्रवेश के लिए निकाला गया, जबकि दर्शन करने के बाद संस्कृत स्कूल पुरानी नगरपालिका भवन वाले रास्ते से निकाला गया। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस जाप्ता तैनात रहा, लेकिन भीड़ के चलते उन्हें खूब मशक्कत करनी पड़ी। वहीं मंदिर में भी कार्मिक व्यवस्थाएं संभालने में जुटे रहे। इस दौरान कोरोना के चलते दर्शनार्थियों को मंदिर में रोक-रोककर प्रवेश दिया गया। तहसीलदार मदनलाल मीना भी पहुंचे और व्यवस्थाओं को देखा।
वर्ष में दो बार होते हैं झूला झांकी के दर्शन
करौली के मदनमोहनजी मंदिर में वर्ष में दो बार भगवान के विग्रह की झूला झांकी सजाई जाती है। चांदी के बड़े झूले में भगवान के विग्रह को रखा जाता है। सावनी तीज और धूलण्डी पर्व पर भगवान की झूला झांकी सजती है। हालांकि गत वर्ष कोरोना के चलते सावनी तीज पर मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया गया था।
करौली के मदनमोहनजी मंदिर में वर्ष में दो बार भगवान के विग्रह की झूला झांकी सजाई जाती है। चांदी के बड़े झूले में भगवान के विग्रह को रखा जाता है। सावनी तीज और धूलण्डी पर्व पर भगवान की झूला झांकी सजती है। हालांकि गत वर्ष कोरोना के चलते सावनी तीज पर मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया गया था।