गत वर्ष सितम्बर माह में जिला कलक्टर की ओर से मण्डरायल मार्ग पर स्थित रणगमा तालाब को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कवायद शुरू की गई थी। इसके तहत तालाब में बोटिंग के अलावा मनोरंजन क्रियाकलाप शुरू करने की योजना तय की गई। इसके लिए जिला प्रशासन ने संबंधित पांच विभागों को एनओसी (आपत्ति) के लिए पत्र भी लिखा और जिनसे एनओसी मिलने के बाद जिला प्रशासन ने सितम्बर माह में ही नगरपरिषद को स्वीकृति भी जारी कर दी। इससे उम्मीद बंधी थी कि जिला मुख्यालय पर पर्यटन केन्द्र विकसित हो सकेगा, जिससे जिला मुख्यालय के बाशिंदों सहित अन्य जगह के लोग भी इसका लाभ उठा सकेंगे, लेकिन यह मंशा अब तक मूर्त रूप नहीं ले सकी है।
इन शर्तों पर जारी हुई थी स्वीकृति
जिला प्रशासन ने पर्यावरण के मद्देनजर इको फ्रेंडली वोटिंग ही तालाब में करने पर स्वीकृति दी थी। शर्तों के अनुसार रणगवां तालाब में पर्यटन के लिए केवल सोलर, बैटरी एवं पैडल नाव ही चलाई जा सकेंगी। इसके अलावा अन्य किसी प्रकार की नाव का संचालन नहीं होगा। वहीं तालाब के घाट पर दुकान, कैंटीन एवं अन्य किसी प्रकार का वाणिज्यिक निर्माण नहीं किया जाएगा। तालाब परिषद क्षेत्र में प्रवेश के दौरान किसी भी प्रकार का ठोस-तरल कचरा लेकर जाना प्रतिबंधित होगा।
इन शर्तों पर जारी हुई थी स्वीकृति
जिला प्रशासन ने पर्यावरण के मद्देनजर इको फ्रेंडली वोटिंग ही तालाब में करने पर स्वीकृति दी थी। शर्तों के अनुसार रणगवां तालाब में पर्यटन के लिए केवल सोलर, बैटरी एवं पैडल नाव ही चलाई जा सकेंगी। इसके अलावा अन्य किसी प्रकार की नाव का संचालन नहीं होगा। वहीं तालाब के घाट पर दुकान, कैंटीन एवं अन्य किसी प्रकार का वाणिज्यिक निर्माण नहीं किया जाएगा। तालाब परिषद क्षेत्र में प्रवेश के दौरान किसी भी प्रकार का ठोस-तरल कचरा लेकर जाना प्रतिबंधित होगा।
तालाब के समीप वन क्षेत्र की सुरक्षा दीवार को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। साथ ही किसी भी प्रकार की कोई भी वाणिज्यिक गतिविधियां सुरक्षा दीवार के अंदर एवं उसके समीप नहीं होंगी। अपशिष्ट वस्तु प्लास्टिक, पॉलिथीन, ठोस पदार्थ सीमा के अंदर नहीं डाली जाएंगी। किसी भी प्रकार का कोई अवैध अतिक्रमण क्षेत्र की सुरक्षा दीवार के अंदर नहीं किया जाएगा। तालाब पर किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचाव के लिए उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत जारी दिशा निर्देशों की पालना की जाएगी। लेकिन ठेकेदारों ने निविदाएं ही नहीं डाली।
तालाब पर डेढ़ करोड़ रुपए हुए थे खर्च
करौली के समीप नगरपरिषद क्षेत्र में स्थित रणगमा तालाब मण्डरायल मार्ग पर स्थित है, जो प्राचीन समय से ही रमणीक स्थल है। यहां पर अनेक लोग पहुंचते हैं। इसके समीप ही सिविल लाइन्स भी है। गत वर्षों में ही तालाब पर पर्यटन व विकास कार्यों पर डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की गई थी। घाटों का निर्माण कराने के साथ गुर्ज आदि का भी जीर्णोद्धार कराया गया था।
इनका कहना है.
रणगमा तालाब में नौकायन के लिए टेण्डर आमंत्रित किए गए थे, लेकिन किसी भी ठेकेदार फर्म ने टेण्डर नहीं डाले, जिससे यह प्रक्रिया अटकी हुई है। यदि कोई संस्था, ठेकेदार फर्म नौकायन के लिए तैयार होती है और शर्तों में कहीं कोई बात हो तो जिला कलक्टर से मार्गदर्शन लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
नरसीलाल मीना, आयुक्त, नगरपरिषद , करौली
तालाब पर डेढ़ करोड़ रुपए हुए थे खर्च
करौली के समीप नगरपरिषद क्षेत्र में स्थित रणगमा तालाब मण्डरायल मार्ग पर स्थित है, जो प्राचीन समय से ही रमणीक स्थल है। यहां पर अनेक लोग पहुंचते हैं। इसके समीप ही सिविल लाइन्स भी है। गत वर्षों में ही तालाब पर पर्यटन व विकास कार्यों पर डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की गई थी। घाटों का निर्माण कराने के साथ गुर्ज आदि का भी जीर्णोद्धार कराया गया था।
इनका कहना है.
रणगमा तालाब में नौकायन के लिए टेण्डर आमंत्रित किए गए थे, लेकिन किसी भी ठेकेदार फर्म ने टेण्डर नहीं डाले, जिससे यह प्रक्रिया अटकी हुई है। यदि कोई संस्था, ठेकेदार फर्म नौकायन के लिए तैयार होती है और शर्तों में कहीं कोई बात हो तो जिला कलक्टर से मार्गदर्शन लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
नरसीलाल मीना, आयुक्त, नगरपरिषद , करौली