अपने आराध्यदेव के दर्शनों के लिए श्रद्धालु लालयित नजर आए। हरियाली अमावस्या पर श्रद्धालुओं का सुबह से ही मंदिर पहुंचना शुरू हो गया। हालांकि मंदिर में तो अन्दर दर्शनार्थियों को कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए प्रवेश दिया गया, लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक होने से मंदिर के बाहर कतार लग गई। इस दौरान जिले के विभिन्न गांव-कस्बों के अलावा अन्य स्थानों से भी श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने पहुंचे। श्रद्धालुओं ने मदन मोहनजी मंदिर में दर्शन कर खुशहाली व समृद्धि की मनौती मांगी। इस दौरान पुलिसकर्मी भीड़ को नियंत्रित कर कतार में लगाते नजर आए।
वहीं रोक-रोककर श्रद्धालुओं को आगे बढ़ाया गया। इस दौरान पुलिस जवानों ने श्रद्धालुओं को पुरानी नगरपालिका भवन से नवलबिहारीजी मंदिर की ओर से भेजा, जबकि दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं को संस्कृत विद्यालय भवन के सामने वाले रास्ते से निकाला गया।
इधर श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते शहर के विभिन्न बाजारों में भी खासी चहल-पहल नजर आई। दर्शनों के बाद श्रद्धालु बाजारों में पहुंचे और खरीदारी की।
इधर श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते शहर के विभिन्न बाजारों में भी खासी चहल-पहल नजर आई। दर्शनों के बाद श्रद्धालु बाजारों में पहुंचे और खरीदारी की।
बृज संस्कृति से ओतप्रोत हैं नगरी
गौरतलब है कि बृज संस्कृति से ओतप्रोत करौली नगरी में सावन माह में मंदिरों में वनविहार और झूले की झांकी के आयोजन भी होते हैं। मदनमोहनजी मंदिर में ये आयोजन काफी प्रसिद्ध हं, जिसके कारण दर्शन करने काफी संख्या में लोग आते हैं। पिछले साल तो हरियाली अमावस्या और सावनी तीज पर कोरोना के कारण दर्शन बंद रहे थे। इस बार मंदिर खुलने की मिली छूट के बाद श्रद्धालुओं ने आराध्यदेव के दर्शन किए। अमावस्या पर भीड़ नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रबंधन और पुलिस ने विशेष प्रबंध भी किए।
गौरतलब है कि बृज संस्कृति से ओतप्रोत करौली नगरी में सावन माह में मंदिरों में वनविहार और झूले की झांकी के आयोजन भी होते हैं। मदनमोहनजी मंदिर में ये आयोजन काफी प्रसिद्ध हं, जिसके कारण दर्शन करने काफी संख्या में लोग आते हैं। पिछले साल तो हरियाली अमावस्या और सावनी तीज पर कोरोना के कारण दर्शन बंद रहे थे। इस बार मंदिर खुलने की मिली छूट के बाद श्रद्धालुओं ने आराध्यदेव के दर्शन किए। अमावस्या पर भीड़ नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रबंधन और पुलिस ने विशेष प्रबंध भी किए।