साथ ही इसे पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए आवश्यक सुधार और विकास को लेकर चर्चा की। हालांकि उन्होंने महल की सार-संभाल नहीं होने को लेकर देखरेख की व्यवस्था की बात कही। साथ ही मानसून के दौरान पौधरोपण की बात भी कही। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर सुदर्शन सिंह तोमर, समाजसेवी व करौली विकास मंच के संयोजक बबलू शुक्ला सहित अन्य मौजूद रहे। गौरतलब है कि तीन वर्ष पहले पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की ओर से महल के जीर्णोद्धार कार्य कराया गया था। लेकिन वर्तमान में सार-संभाल का अभाव है।