उल्लेखनीय है कि माड़ क्षेत्र में दो दशक से पर्याप्त बारिश नहीं होने से जल रसातल में चला गया है। इस कारण कृषि तो दूर पीने के पानी के भी लाले पड़ गए हैं। गर्मी के दौरान यहां की स्थिति भयावह रहती है। लोगों को कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है।
रबी फसल की सिंचाई होगी मुश्किल किसान प्यारेलाल सैनी व हरकेश मीना ने बताया कि अभी बारिश का दौर थमने से गर्मी बढऩे लगी है। जिससे भूमि में नमी कम हो रही है।अभी कुछ समय और बरसात नहीं हुई तो फसल प्रभावित होगी वहीं जलस्रोत नहीं भरने से आगामी रबी फसल की सिंचाई में दिक्कत आएगी। फसल अच्छी नहीं हुई तो चारे के दाम भी बढेंग़े।
नहीं मिल रहा चंबल का पानी किसान हरिसिंह गुर्जर ने बताया कि क्षेत्र में पानी की किल्लत पिछले दो दशक से मची हुई है। चंबल का पानी भी सपना बना हुआ है। सरकार ने काफी रुपए खर्च कर चंबल परियोजना को नादौती तहसील के गांव में लाने की कवायद की थी। लेकिन योजना का अभी सभी गांवों के लोगों को लाभ नहीं मिला है।
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