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करौली

कृषि भूमि की ऑनलाइन प्रक्रिया बन गई मुसीबत, नाम, पते और हिस्सेदार गलत दर्ज होने से किसान हो रहे परेशान

कृषि भूमि की ऑनलाइन प्रक्रिया बन गई मुसीबत नाम, पते और हिस्सेदार गलत दर्ज होने से किसान हो रहे परेशान, गुर्जर व मीना किसानों को बनाया बैरवा
करणपुर. राजस्व विभाग की ओर से करीब एक माह पहले करणपुर उपतहसील के खाताधारकों की कृषि भूमि रिकॉर्ड को ऑनलाइन किया तो किसानों को लगा कि अब भूमि का रिकार्ड को लेकर उनको राजस्वकर्मियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और सहजता से रिकॉर्ड भी उपलब्ध हो जाएगा। लेकिन राजस्व रिकॉर्ड की ऑनलाइन प्रक्रिया किसानों के लिए मुसीबत बन गई है।

करौलीJul 09, 2022 / 11:53 am

Jitendra

कृषि भूमि की ऑनलाइन प्रक्रिया बन गई मुसीबत, नाम, पते और हिस्सेदार गलत दर्ज होने से किसान हो रहे परेशान

 नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपने आए किसान।


नाम, पते और हिस्सेदार गलत दर्ज होने से किसान हो रहे परेशान,

गुर्जर व मीना किसानों को बनाया बैरवा
करणपुर. राजस्व विभाग की ओर से करीब एक माह पहले करणपुर उपतहसील के खाताधारकों की कृषि भूमि रिकॉर्ड को ऑनलाइन किया तो किसानों को लगा कि अब भूमि का रिकार्ड को लेकर उनको राजस्वकर्मियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और सहजता से रिकॉर्ड भी उपलब्ध हो जाएगा। लेकिन राजस्व रिकॉर्ड की ऑनलाइन प्रक्रिया किसानों के लिए मुसीबत बन गई है। ऑनलाइन किए गए राजस्व रिकार्ड में कई प्रकार की अशुद्धि होने से किसान परेशान हैं। किसानों ने बताया कि पटवारियों ने बिना जांच किए ही खातेदारों के नाम-पते अदल-बदल दिए। कई खातेदारों की जमाबंदी में जाति बदल गई है तो कुछ के खातों में गांव के साथ बंटवारे के हिस्सेदार गलत लिख दिए हैं।
काट रहे चक्कर, नहीं हो रही सुनवाई
करणपुर उप तहसील कार्यालय के अन्तर्गत १२ पटवार मंडलों के करीब ६ हजार खाता धारक किसान हैं। इनमें करीब २५ प्रतिशत जमीन के खातेधारकों की जमीन की जमाबंदी में अशुद्धियां है। किसानों ने बताया कि अशुद्धियों को ठीक कराने के लिए विभाग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही।
चिरचिरी गांव के ग्रामीणों ने करणपुर नायब तहसीलदार महेंद्र कुमार मंगल को जिला कलक्टर के नाम ज्ञापन सौंप समस्या के समाधान के मांग की। ज्ञापन देने आए ग्रामीणों ने बताया कि ऑनलाइन रिकॉर्ड में उनको किसी अन्य जाति का बता दिया गया है।
बिना जांच किए ऑनलाइन

किसानों ने बताया कि विभाग ने नाम पते की जांच किए बिना ही उनकी जमीन को ऑनलाइन रिकाॅर्ड में दर्ज कर दिया। अब नाम , जाति आदि गलत आ रहे हैं। मीणा को जाटव लिख दिया है। किसान विजय कुमार मीना, शिवसिंह मीना, श्याम , मुखराज, रमेश, धनसिंह गुर्जर, रामसुख आदि ने ऑनलाइन प्रक्रिया में शुद्धिकरण की मांग की है।
इधर करणपुर नायब तहसीलदार महेंद्र कुमार मंगल ने बताया कि किसान अपनी सत्यापित पत्रावली प्रमाण पत्र सहित खुद को उसी गांव और जाति होने का प्रमाण पत्र संबंधित पटवारी व उप तहसील कार्यालय में जमा कराने के बाद ऑनलाइन में शुद्धिकरण किया जा सकता है।

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