जहां तीन नम्बर काउण्टर से एक लाख रुपए की राशि प्राप्त कर प्लास्टिक थैली (बैग) में रख लिए। बैंक की ओर से पांच-पांच सौ रुपए की दो गडडी दी गई थी। इसके बाद रामेश्वर पास बुक में राशि इन्द्राज करने के लिए मशीन पर पहुंचा। तो उसे थैली में कट लगा दिखाई दिया। इस पर पीडि़त ने शोर-शराबा कर दिया। आनन-फानन में कार्यरत सुरक्षा गार्ड ने बैंक का मुख्य द्वार बंद कर दिया। जहां पुलिस सब इंस्पेक्टर लल्लूराम मीणा मीणा एवं अशोक झांझडिय़ा ने मय जाब्ते के बैंक पहुंच सीसीटीवी फुटेज खंगाले।
वहीं बैंक में मौजूद लोगों से पूछताछ की। इसके बाद पुलिस ने बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन एवं बाजार में भी आरोपितों की तलाश की, लेकिन देर शाम तक आरोपित का कोई सुराग नहीं लगा। बताया जा रहा है कि जेब तराश बैंक व सार्वजनिक भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पहले रैकी करते हैं। इसके बाद पीछे लगकर बैग में कट लगाकर राशि लेकर भागने में सफल हो जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी एसबीआई, यूको बैंक में कई बार जेबतराशी की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन पुलिस अभी तक एक भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। इससे जेबतराशों के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं। गत दिनों में राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय में भी एक मरीज की जेब से तीन हजार रुपए की राशि पार हो गई थी।