हिण्डौन नगर परिषद चुनाव: कांग्रेस से दुगने जीते निर्दलीय पार्षद,भाजपा भी बहुमत से दूर
हिण्डौनसिटी. जिले की सबसे बड़ी हिण्डौन नगरपरिषद के चुनावों में सभापति की सीट पावर, पैसा और पॉलिटिक्स के बीच फंस गई है। रविवार को आए चुनाव के नतीजों में मतदाताओं ने किसी भी राजनीतिक पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं दिया है। करौली रोड स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में हुई 59 वार्डों की मतगणना में कई रौचक ओर चौकाने वाले परिणाम सामने आए। यही कारण है कि 20 दिसम्बर को होने वाले चेयरमैन के चुनाव की कमान अब निर्दलीयों के हाथ में आ गई है। ऐसे में अब जमकर पैसा, पावर और पॉलिटिक्स चलने की संभावना है। प्रदेश के मुखिया से लेकर स्थानीय विधायक कांग्रेस का होने के बावजूद सत्ताधारी दल को महज 13 सीटों पर जीत मिली हैं। जबकि 18 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। बसपा ने भी एक सीट पर कब्जा कर खाता खोला है। जबकि 28 पार्षद निर्दलीय जीतकर आए हैं। अरावली पर्वत श्रृंखला की गोद में करीब 57 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में बसे डेढ़ लाख की आबादी वाले हिण्डौन नगरपरिषद क्षेत्र में पहले 45 वार्ड थे और कांग्रेस का बोर्ड था। लेकिन इस बार 60 वार्ड है। वार्ड संख्या 22 से विधायक भरोसी लाल जाटव के पुत्र ब्रजेश जाटव के निर्विरोध पार्षद निर्वाचित होने के बाद शेष बचे 59 वार्डों के पार्षद के चुनाव परिणाम सुबह नौ बजे से आने लगे। दोपहर दो बजे तक घोषित नतीजों में 28 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने बाजी मारी है। जबकि भाजपा के 18 व कांग्रेस के 13 बसपा के एक प्रत्याशी को जीत मिली है।जोड़-तोड़ के डर से पहले ही कर ली गई बाड़ेबंदी-मतदान के बाद आए रूझानों के आधार पर भाजपा और कांग्रेस की ओर से चुनाव परिणाम आने से पहले ही अपने-अपने प्रत्याशियों की बाड़ाबंदी कर ली गई। दोनो ही दलों को यह डर है कि विपक्षी खेमा उनके प्रत्याशियों को अपने पक्ष में नहीं कर ले। इसके लिए शनिवार को ही दोनों ही दलों के प्रत्याशियों को दूसरे शहर भेज दिया गया। लेकिन नतीजों में स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की वजह से दोनो ही दलों को हताशा हाथ लगी है। ऐसे में अब बोर्ड गठन के लिए निर्दलीय जीते पार्षदों को पॉवर, पैसा और पॉलिटिक्स के प्रभाव से अपने पक्ष में करने के लिए जोड़-तोड़ की मशक्कत शुरु हो गई है।बड़े नेताओं ने संभाली कमान-दोनो राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं ने इसकी कमान स्वयं अपने हाथों में संभाली हुई है। कांग्रेस की ओर से स्वयं विधायक भरोसी लाल जाटव, पूर्व सभापति अरविन्द जैन, पूर्व प्रधान कृपाल सिंह मीणा बोर्ड गठन की रणनीति बनाने में लगे हैं, तो वहीं भाजपा की ओर से निकाय चुनाव प्रभारी व पूर्व मंत्री जितेन्द्र गोठवाल, पूर्व विधायक राजकुमारी जाटव कमान संभाले हुए हैं।