पार्टियों के गायकों द्वारा प्रस्तुत की गई धार्मिक रचनाओं को सुनने के लिए श्रोता कार्यक्रम स्थल पर डटे रहे। दंगल में मणेमा के मेडिया हरकेश ने महाभारत प्रसंग, बड़ौदा के मेडिया रमशी ने चौपड़ के खेलन में बाजी हारग्यो, चले जा भैया वन कू…, पांडुओं के वनवास की कथा, भोपुर के मदन ने शंकर भगवान की कथा में तेरी माला दुनिया फेरे तू माला फेरे कुण की, बामनवास के धनराज ने राम कथा, मण्डावरा के खुशीराम ने हरदोल भगत की कथा को अपनी रचनाओं के माध्यम से सुनाई।
शिवलहरी के देख ले ओ ढंग…
क्षेत्र के गाजीपुर गांव में हुए एक दिवसीय लोकगीत दंगल को सुनने भी लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। गायकों ने धार्मिक व पौराणिक लोक गायन शैली में गीत प्रस्तुत कर मंत्रमुग्ध कर दिया। गुर्जर महासभा प्रदेशाध्यक्ष गोपेन्द्र पावटा ने कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजनों से पे्रमभाव बढ़ता है। भैंरोबाबा मंदिर परिसर में हुए दंगल में आधा दर्जन गायन मंडलियों ने प्रस्तुति दी। प्रत्येक मंडली में 70-80 सदस्य शामिल रहे। जिन्होंने धाॢमक व पौराणिक प्रसंगों पर आधारित रचनाएं प्रस्तुत की। निसूरा के मेडिया नरेश व पूरन ने गीत शिवलहरी के देख ले ओ ढंग…, सुनाया। गाजीपुर के सुमरन व बृजलाल की गायन मंडली ने देवनारायण की कथा, खेड़ला खटाना, नाहिड़ा, मदनपुर की पार्टियों ने भी कई प्रसंगों पर रचनाएं सुनाई। धार्मिक कथाओं से गांव का माहौल भक्तिमय हो गया। दंगल में भोपुर, बहादुरपुर, कंजौली, लपावली, ताजपुर, निसूरा, पहाड़ी, मूंडिया आदि गांवों के लोग पहुंचे।