ढाणी के बलराम सैनी, मीठालाल, मगनलाल सैनी, सोहनलाल सैनी, मदनलाल सैनी, मुकेश सैनी आदि ग्रामीणों ने बताया कि गांव को जाने वाले राणाघाट वाले रास्ते में पडऩे वाली नदी में काफी दिन से जोरदार बहाव चल रहा है। नदी के बीच कॉजवे सपाट व पाइप नहीं डाले जाने की वजह से छात्र-छात्राओं को परिजन जान को जोखिम में डाल कर करीब ढाई तीन फीट पानी में से होकर निकालते हैं।
स्कूल में जाकर बदलते वस्त्र, बैग में रखकर ले जाते
ग्रामीणों ने बताया कि जब से बरसात चल रही है तब से हालत यह है कि छात्र-छात्राओं को दो तीन जोड़ी कपडे़ अपने बैग में रख कर ले जाने पड़ते हैं। स्कूल जाने के बाद वस्त्र बदलने पड़ते हैं। विद्यालय आते-जाते समय वस्त्र भीग जाते हैं। विद्यार्थियों ने बताया क्रि स्कूल पहुंचना रोजाना चुनौती भरा कार्य हो गया है।
कॉजवे की लंबे समय से मांग, प्रशासन का नहीं ध्यान
ग्रामीणों ने बताया कि वे जिला प्रशासन से इस मार्ग में पड़ने वाली नदी पर कॉजवे निर्माण को लेकर लंबे समय से मांग करते आ रहे हैं। लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हुई है। सरकार भी ध्यान नहीं दे रही है। कॉजवे बनने के बाद ही स्थायी रूप से समस्या का समाधान हो सकता है।