इन बीमारियों का होगा इलाज विशेषज्ञों के अनुसार स्टेम सेल थेरेपी से डिमेंशिया, ऑटिज्म, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, सेरेब्रल पाल्सी और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारियों का इलाज होगा। इससे कानपुर समेत आस-पास के जिलों के मरीजों को राहत मिलेगी।
यह भी पढ़े – कनाडा में वैकेंसी: इंटर पास, BA वालों को भी मौका, 2 स्टेप में करें Apply क्या होता है स्टेम सेल स्टेम से या मूल कोशिका ऐसी कोशिकाएं होती हैं, जिनमें शरीर के किसी भी अंग को विकसित करने की क्षमता होती है। इसके साथ ही ये शरीर की दूसरी कोशिका के रूप में भी खुद को ढाल सकती हैं। डॉक्टरों के मुताबिक इन कोशिकाओं को शरीर की किसी भी कोशिका की मरम्मत के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
11 मरीजों में परिणाम सकारात्मक जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला का कहना है कि स्टेम सेल रिसर्च यूनिट के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। 11 मरीजों पर थेरेपी के रिजल्ट आशानुरूप मिले हैं इसलिए राज्य की पहली यूनिट के लिए आईसीएमआर की नेशनल एपेक्स कमेटी ने भी सहमति दे दी है। शासन से भी सकरात्मक परिणाम मिलने की उम्मीद है। इसके बन जाने से लाइलाज बीमारियों के साथ ही कैंसर जैसी बीमारियों पर रिसर्च का मौका भी मिलेगा।
यह भी पढ़े – आपके ये तीन हितैषी भी बन सकते हैं मौत की वजह, जानिए क्या कहती है चाणक्य नीति क्या हैं स्रोत अस्थिमज्जा, गर्भनाल का रक्त व अन्य प्रकार का रक्त स्त्रोत हैं। मां के दूध में मौजूद स्टेम कोशिकाओं को न सिर्फ स्तन कोशिकाओं बल्कि हड्डियों की कोशिकाओं, उपास्थि (कार्टिलेज), वसा, मस्तिष्क, लिवर व अग्नाशय कोशिकाओं में तब्दील किया जा सकता है।