कानपुर

यूपी एटीएस की छानबीन में हुए हैरान करने वाले खुलासे, बातचीत के कोडवर्ड से लेकर मानव बम तक को लेकर आईं यह बातें सामने

-उमर हलमंडी ने आत्मघाती मानव बम के लिए बनाई महिला विंग, महिला विंग की कमांडर कानपुर मछारिया निवासी है महिला.

कानपुरJul 16, 2021 / 05:46 pm

Abhishek Gupta

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कानपुर. यूपी एटीएस (UP ATS) की तहकीकात व पूछताछ में प्रतिदिन नए खुलासे हो रहे हैं। गिरफ्त में आए शकील ने खुलासा किया है कि अलकायदा के सहयोगी संगठन अंसार गजवातुल हिंद ने आत्मघाती हमलों के लिए महिला विंग तैयार कर ली है। शकील की दूर के रिश्ते में कानपुर की एक महिला के हाथों इस संगठन की कमान है। वह यूपी में आत्मघाती महिला विंग की स्थापना के लिए काम कर रही है। टीम में सात महिलाएं जुड़ चुकी थीं। वहीं दूसरी ओर मिनहाज के घर से एक काली डायरी बरामद हुई है जिसमें कई तरह के आतंकी कोड। इन कोड का इस्तेमाल आतंकी एक-दूसरे से व अपने आकाओं को संदेश भेजने में इस्तेमाल करते थे।
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यूपी में आत्मघाती महिला विंग हो रही तैयार-

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में भी महिला आत्मघाती का इस्तेमाल हुआ था। आतंकी शकील ने बताया कि संगठन के सरगना उमर हलमंडी के कहने पर उप्र में आत्मघाती महिला विंग खड़ी की जा रही थी। इसकी जिम्मेदारी मछरिया निवासी एक महिला के दी गई है। संगठन में ऐसी महिलाओं को शामिल किया जा रहा है, जो तलाक जैसे जीवन से तंग आ चुकी हों। माइंड वाश करके उन्हें मानव बम बनने के लिए तैयार किया जाता है।
शकील ने एटीएस को बताया कि पनकी गंगागंज में रहने वाली तीनों महिलाओं को सीमा पार ट्रेनिंग कराने के बाद नेपाल के रास्ते भारत लाया गया। लखनऊ में मिनहाज के घर मौजूद मछरिया निवासी लेडी कमांडर को सौंप दिया गया। जाजमऊ निवासी एक हाजी महिला विंग की आर्थिक जरूरतें पूरा करता है। शकील ने बताया है कि महिला विंग में सात महिलाएं हैं, जिनमें चार मूक-बधिर थीं। सीमा पार ट्रेनिंग में बारामुला में दो मूक-बधिर महिलाओं की मौत हो गई। वो दोनों उन्नाव और औरैया की निवासी थीं। आतंकी जाजमऊ को अंसार गजवातुल हिंद का बड़ा ठिकाना बनाना चाहते थे।
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आतंकी कोड: ‘गोश्त पकाओ दोस्त आएंगे’, मतलब बड़े हमले की तैयारी

लखनऊ में आतंकी हमला करने की रणनीति तैयार करने वाले दो संदिग्ध आतंकियों ने एटीएस से पूछताछ में बताया कि वे कोड के जरिए एक दूसरे से बात करते थे और अपना मैसेज आतंकियों तक पहुंचाते थे। एटीएस को मिनहाज के घर से मिली काली डायरी में बकरीद के पहले तौहीद और मूसा के लखनऊ आने के संदेश भी मिले हैं।
डायरी से पता चला है कि जो पिस्टल, मिनाहज के यहां बरामद हुई उसका कोड 3 नंबर और प्रेशर कुकर बम का कोड वर्ड 9 नंबर है। ई रिक्शा को कोड वर्ड में उड़न तश्तरी लिखा गया है। खटमलों को शीरमाल और कबाब खिलाने हैं जिसका मतलब विस्फोट के रूप में कोई बड़ा हमला करना है। आंतकी ग्रुप को फ्लाइट के नाम से बुलाते थे। आतंकी कश्मीर या देश के बाहर फोन पर बात करते वक्त ग्रुप को फ्लाइट के नाम से पुकारते थे। आतंकी कहते थे कि ”पहली फ्लाइट, दूसरी फ्लाइट” जा चुकी है। डायरी के अंदर कई उर्दू शब्द भी अलग-अलग पन्नों पर लिखे हुए हैं जिसमें या खुदा, मिशन अल्लाह जैसे शब्द हैं जिनके बारे में एटीएस अभी पता कर रही है कि इनको लिखने का क्या मतलब है।
किताब पढ़ने का मतलब रेकी करना-
एक संदेश यूपी एटीएस ने भी ब्रेक किया है जिसमें कहा गया है कि दोस्त आ रहे हैं गोश्त पकाओ। इसका मतलब लखनऊ तौहीद और मूसा आने वाले थे।प्रेशर कुकर बम, हथियार जैसी चीज़ों को रखने के लिए लाइब्रेरी, कूड़ेदान या रैक शब्दों का प्रयोग किया जाता था जिसका डायरी में जिक्र है।

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