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निर्माणी के महाप्रबंधक एके मौर्य ने रिवॉल्वर के फीचर्स को लेकर बताया कि इसका लुक काफी बेहतर है। पकड़ने के लिए इसकी ग्रिप वुडेन व प्लास्टिक में दी गई है। 750 ग्राम इसका वजन है। खास सिरैमिक पेंट से इसे पेंट किया गया है। दोहरी सेराकोटेड सतह की गई है। काली व टाइटेनियम में इसके सिलिंडर बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्त्र के शौकीन ग्राहकों की डिमांड व उनके फीडबैक को लेकर इस रिवॉल्वर का निर्माण किया गया है। इसका डिजाइन लंदन की क्रेनफील्ड विश्वविद्यालय के डीसीएम कॉलेज से डिजाइन में एमएससी करने वाले निर्माणी अधिकारी पवन कुमार ने तैयार किया है। इसकी खासियत ये भी है कि देश में अब तक बनी सिविल रिवॉल्वर्स में इसकी मारक क्षमता उनसे दोगुनी से ज्यादा है।
निर्माणी के महाप्रबंधक एके मौर्य ने रिवॉल्वर के फीचर्स को लेकर बताया कि इसका लुक काफी बेहतर है। पकड़ने के लिए इसकी ग्रिप वुडेन व प्लास्टिक में दी गई है। 750 ग्राम इसका वजन है। खास सिरैमिक पेंट से इसे पेंट किया गया है। दोहरी सेराकोटेड सतह की गई है। काली व टाइटेनियम में इसके सिलिंडर बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्त्र के शौकीन ग्राहकों की डिमांड व उनके फीडबैक को लेकर इस रिवॉल्वर का निर्माण किया गया है। इसका डिजाइन लंदन की क्रेनफील्ड विश्वविद्यालय के डीसीएम कॉलेज से डिजाइन में एमएससी करने वाले निर्माणी अधिकारी पवन कुमार ने तैयार किया है। इसकी खासियत ये भी है कि देश में अब तक बनी सिविल रिवॉल्वर्स में इसकी मारक क्षमता उनसे दोगुनी से ज्यादा है।
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रिवॉल्वर का ट्रायल माइनस 30 डिग्री से लेकर 55 डिग्री तापमान पर किया गया है। यह हर मौसम व सभी तरह की परिस्थितियों में खरी उतरी है। महाप्रबंधक का कहना है कि रूस और आयुध निर्माणी कोरबा के संयुक्त उपक्रम एके 203 राइफल के कई उपकरण निर्माणी में बनेंगे। अभी कंपनी के बीच समझौता होना बाकी है। इसके अलावा ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कारबाइन (जेवीपीसी) हर प्रकार के ट्रायल में सफल हो चुकी है। आर्मी व अन्य सैन्य बलों से जल्द ही अच्छे संख्या में आर्डर मिलने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त निर्माणी की बेल्ट फेल्ड लाइट मशीनगन तकनीक बिड में सफल हो चुकी है।
रिवॉल्वर का ट्रायल माइनस 30 डिग्री से लेकर 55 डिग्री तापमान पर किया गया है। यह हर मौसम व सभी तरह की परिस्थितियों में खरी उतरी है। महाप्रबंधक का कहना है कि रूस और आयुध निर्माणी कोरबा के संयुक्त उपक्रम एके 203 राइफल के कई उपकरण निर्माणी में बनेंगे। अभी कंपनी के बीच समझौता होना बाकी है। इसके अलावा ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कारबाइन (जेवीपीसी) हर प्रकार के ट्रायल में सफल हो चुकी है। आर्मी व अन्य सैन्य बलों से जल्द ही अच्छे संख्या में आर्डर मिलने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त निर्माणी की बेल्ट फेल्ड लाइट मशीनगन तकनीक बिड में सफल हो चुकी है।