क्या है पूरा मामला–
बिल्हौर थानाक्षेत्र के घिमऊ गांव निवासी शालीग्राम (70) किसान हैं। बुजुर्ग बीते 13 सितंबर को पैदल जा रहे थे, तभी उनको एक बाइक सवार ने टक्कर मार दी थी। इस हादसे में बुजुर्ग गंभीर रूप से घायल हो गए। परिजनों ने पुलिस को सूचना दी, पर थाने से कोई नहीं आया। घायल को परिजन अस्पताल लेकर गए और इलाज के बाद उन्हें थाने पहुंचाया। बुजुर्ग ने तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। बुजुर्ग का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें थाने से भगा दिया।
बुजुर्ग ने बताया कि बेटे और गांव के कुछ ग्रामीणों ने मुझे चारपाई पर लिटाकर पैदल ही थाने के लिए कदम बढ़ा दिए। दो घंटे के बाद हम थाने पहुंचे लेकिन थानेदार ने फिर हमें मायूस कर अगले दिन आने को कहकर टरका दिया। इसके बाद पुलिस ने लगातार 14 दिन तक हमें दौड़ाया। घायल ने बताया कि घिमऊ गांव से बिल्हौर थाने की दूरी लगभग 6 किलोमीटर है और हम हर दिन 12 किमी चारपाई के जरिए पहुंचते थे।
शक्रवार को बुजुर्ग का बेटे घायल पिता को लेकर फिर थाने पहुंचा। बुजुर्ग ने आरोप लगाया कि बाइक सवार ने थाने में घूस दे दी है, इसकी वजह से हमारी सुनवाई नहीं हो रही। पीड़ित ने बताया कि पुलिस की प्रताड़ना से आहत होकर हम परिवार के साथ थाने के बाहर धरने पर बैठ गए। मामला बढ़ता देख एक सब इंस्पेक्टर हम लोगों के पास आए और रिपोर्ट दर्ज किए जाने की बात कही।
बिल्हौर इंस्पेक्टर प्रयाग नारायाण बाजपेई ने बताया कि उन्होंने अभी दो दिन पहले ही यहां ड्यूटी जॉइन की है। शुक्रवार की शाम हमें जैसे ही पूरे मामले की जानकारी हुई, वैसे ही पीड़ित की तहरीर के आधार पर बाइक सवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।