पीयूष जैन की ओर से कोर्ट की सभी शर्तें मान ली गईं, जिसके बाद कोर्ट ने उसे कस्टम के मामले में बरी कर दिया। शर्तों के मुताबिक, पीयूष जैन ने खुद 56 लाख की कंपाउंडिंग भरी है। इसके साथ ही जब्त हुए 23 किलो सोने पर भी अपना अधिकार छोड़ दिया है। पीयूष जैन 60 लाख पेनल्टी पहले ही जमा कर चुके हैं।
यानि कुल मिलाकर 23 किलो सोना, जिसकी कीमत आज के समय में 17 से 18 करोड़ रुपये है. वह तो पीयूष जैन ने सरकार को सौंप ही दिया है, लेकिन इसके साथ ही कुल एक करोड़ सोलह लाख रुपये भी पेनल्टी और कम्पाउंडिंग के रूप में जमा किए हैं।
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