छोटे जानवरों के लिए खतरनाक है वायरस पशु चिकित्सक सर्वेद्र सचान का मानना है कि पार्वो वायरस से बड़े जानवरों को खतरा नहीं होता है। लेकिन यह वायरस छोटे जानवरों के लिए बेहद खतरनाक होता है। यह संक्रमण आंतों में फैलता है। जिसमें खून की उल्टियां होती हैं और मौत हो जाती है। पार्वो वायरस की चपेट में ज्यादातर छह माह तक के स्ट्रीट डॉग्स आ रहे हैं। यह वायरस करीब एक माह तक जीवित रह सकता है।
घातक है वायरस डॉग्स में होने वाली बीमारियों में पार्वो वायरस बेहद घातक है। यह एक वायरल बीमारी है जिसमें समय पर उपचार न मिलने से डॉग्स की मौत तक हो जाती है। इस वायरस से बचाव के लिए तीन टीके लगाए जाते हैं। इनमें पहला टीका पिल्ले को डेढ़ महीने की उम्र में, दूसरा ढाई और तीसरा टीका साढ़े तीन महीने की उम्र में लगाया जाता है। पार्वो वायरस से प्रभावित जानवरों की आतें सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। इससे जानवरों की आंतों में गंभीर संक्रमण हो जाता है।
व्यवहार में आता है बदलाव इस वायरस से संक्रमित जानवरों के व्यवहार में अचानक बदलाव आता है। पार्वो वायरस से प्रभावित जानवर खांसने लगता है। उसे छींकें आती हैं और भूख भी नहीं लगती। पानी नहीं पीता और उसकी नाक में सूखापन आ जाता है। इससे आंतों में संक्रमण हो जाता है। जिस कारण खून की उल्टी-दस्त होने लगते हैं और संक्रमित जानवर मौत हो जाती है।