सीएसजेएमयू डिजिटल की ओर तेजी से बढ़ रहा है। विवि प्रशासन ने कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के निर्देश पर प्रदेश में पहली बार डिजिटल मूल्यांकन शुरू कर दिया है। मूल्यांकन के लिए नौ जिलों में 15 डिजिटल मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं।शिक्षकों को एक कॉपी के मूल्यांकन के लिए कम से कम तीन मिनट का समय तय किया गया है। मूल्यांकन दो पालियों में कराया जा रहा है। पहली पाली सुबह सात से दोपहर एक बजे और दूसरी पाली दोपहर एक से शाम सात बजे तक चलेगी। विवि के डीन प्रशासन प्रो. सुधांशु पाण्डिया ने बताया कि डिजिटल मूल्यांकन से छात्रों की अनेक समस्याएं दूर होगी। अब स्क्रूटनी की जरूरत छात्रों को नहीं होगी।
यह भी पढ़े – UP Board Result 2022: यूपी को इन शहरों ने दिए सबसे ज्यादा Toppers, इस बार कौन मारेगा बाजी आधे अंक भी दे सकेंगे शिक्षक डिजिटल मूल्यांकन को मैनुअल मूल्यांकन की तरह ही बनाया गया है। इसमें भी शिक्षक सवाल के जवाब पर पूरे अंकों के साथ आधे अंक भी दे सकेंगे। चौथाई या दो तिहाई में अंक देने की व्यवस्था नहीं है।
स्क्रूटनी में पकड़ी जाती रही हैं बिना मूल्यांकन वाली कॉपियां सीएसजेएमयू में मूल्यांकन के दौरान शिक्षकों की लापरवाही कई बार उजागर होती रही है। एक बार एक वरिष्ठ शिक्षक ने सैकड़ों कॉपियां सिर्फ मुख्य पृष्ठ पर अंक देकर जांच दी थी। डिजिटल मूल्यांकन में ऐसी समस्याएं नहीं होंगी।
हर मूल्यांकन के बाद लगाना होगा थंब इंप्रेशन डिजिटल मूल्यांकन में हर कॉपी चेक करने के बाद शिक्षकों को अपना थंब इंप्रेशन लगाना होगा।इसके बाद ही अगली कॉपी स्क्रीन पर खुलेगी।वहीं, अधिक देर तक एक ही पेज खुला होने पर सिस्टम रीफ्रेश हो जाएगा और कॉपी गायब हो जाएगी।फिर नए सिरे से दूसरी कॉपी खोलनी होगी।